
Jabalpur News: सागर से नुनसर आ रहे पिकअप वाहन में 70 बोरी डीएपी खाद पुलिस द्वारा पकड़ी गई है। कृषि अधिकारियों और खाद कम्पनी के अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में इसे नकली खाद बताया है। इस खाद के उपयोग से किसानों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलता, बल्कि हो सकता है कि इससे फसलें खराब हो जातीं। हालांकि कृषि अधिकारियों ने खाद का सैम्पल लिया है और इसे खाद प्रयाेगशाला भेजा गया है। जांच के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को पाटन थाना की नुनसर चौकी पुलिस को सूचना मिली कि पिकअप वाहन में बड़ी मात्रा में नकली खाद का परिवहन किया जा रहा है। पुलिस ने वाहन क्रमांक एमपी 38 जेडडी 8508 को रोका और ड्राइवर रायसेन सुल्तानगंज निवासी मुकेश सेन से दस्तावेजों की मांग की गई तो वह घबरा गया।
पुलिस ने कृषि विभाग को इसकी सूचना दी तो पाटन विकासखण्ड के उर्वरक निरीक्षक पंकज श्रीवास्तव को तत्काल ही मौके पर जाकर आवश्यक कार्यवाही हेतु उपसंचालक कृषि जबलपुर डॉ. एसके निगम द्वारा निर्देशित किया गया। उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो पिकअप वाहन में इफको डीएपी 70 बोरी पाई गई। पुलिस ने बताया कि रितु ग्राम बायो फर्टिलाइजर सागर से यह डीएपी परिवहन होकर कन्तोरा नुनसर जा रहा था।
खाद विभाग की टीम पहुंची मौके पर
उपसंचालक कृषि श्री निगम अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ. इंदिरा त्रिपाठी, इफको कंपनी के महाप्रबंधक राजेश मिश्रा को साथ लेकर नुनसर पहुंचे और बोरियों का निरीक्षण करने पर पाया गया कि उन पर किसी भी तरह के हुक नहीं लगे थे। श्री मिश्रा द्वारा बताया गया कि इफको कंपनी के बैग की सिलाई हरे धागे से होती है एवं फाइन होती है जबकि जो इफको कंपनी की बोरी पाई गई, उसमें सफेद धागे से सिलाई पाई गई और जिस फर्म ने डीएपी की सप्लाई की है, वह कंपनी का अधिकृत डीलर भी नहीं है।
अमोनिया गैस की गंध नहीं आई
प्राप्त डीएपी का प्रारंभिक परीक्षण चूने के साथ रगड़कर किया गया। खाद यदि असली होती तो ऐसा करने पर अमोनिया की तेज गंध आती लेकिन चूना रगड़ने पर भी कोई गंध नहीं आई जिससे खाद काे प्रथम दृष्टया नकली साबित किया गया। खाद उर्वरक निरीक्षक द्वारा उर्वरक के नमूने लिए गए हैं एवं विश्लेषण एवं पुष्टि हेतु उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। नमूनों के विश्लेषण उपरांत प्राप्त परिणाम के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।