सरकार की दलील – पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में आरोपी अक्षय शिंदे पर गोली चलाई

Mumbai News. राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि बदलापुर स्कूल में बच्चियों से दुराचार के मामले में पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए आत्मरक्षा में आरोपी अक्षय शिंदे पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। इसमें एक मामला 307 के तहत दर्ज है, तो दूसरा एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज है। इस मामले की सीआईडी जांच चल रही है। ऐसे में मजिस्ट्रेट के रिपोर्ट पर शिंदे के कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति डॉ.नीला गोखले की पीठ के समक्ष अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान विशेष सरकारी वकील अमित देसाई ने दलील दी कि पुलिसकर्मियों का सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व है। उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। शिंदे के कथित मुठभेड़ के मामले में एडीआर दर्ज है। इसकी सीआईडी जांच कर रही है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को रखी है।मजिस्ट्रेट ने 17 जनवरी में अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया कि अक्षय शिंदे का मुठभेड़ संदिग्ध है, क्योंकि उस दिन पुलिस द्वारा आरोपियों पर बल का प्रयोग अनुचित था।

पिछली सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट के निष्कर्ष के आधार पर एमिकस क्यूरी(अदालत मित्र) वरिष्ठ वकील मंजुला राव ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सीआईडी जांच करने पर जोर दिया। 23 सितंबर 2024 को अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से उनकी पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य यौन शोषण मामले में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था। इस दौरान वह एनकाउंटर में मारा गया था। इस मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपी गई है।