
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनके तीसरे कार्यकाल में यह सऊदी अरब की पहली यात्रा है। यह वही देश है जिसका नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहले मक्का-मदीना और तेल भंडार याद आता है। इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल होने के साथ-साथ सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर मुस्लिम देशों में भी की जाती है। कोई देश कितना ताकतवर है? इसे मापने के वैसे तो कई तरीके होते हैं, लेकिन फिर भी लोग सबसे पहले मिलिट्री पावर देखते हुए इसका अंदाजा लगाते हैं। दूसरे देशों और अपने देश की सैन्य ताकत में कितना अंतर है, ये जानना हमेशा से ही काफी दिलचस्प रहा है। तो चलिए ऐसे में जानते हैं कि भारत की तुलना में सऊदी अरब के पास कितनी मिलिट्री पावर है? सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि भारत और सऊदी अरब के रिश्तों को भी समझने की कोशिश करते हैं।
मैन पावर
भारत की सुरक्षा के लिए 14.55 लाख सक्रिय जवान, 25.27 लाख पैरामिलिट्री फोर्स के जवान और 11.55 लाख रिजर्व सैनिक मौजूद हैं। वहीं, सऊदी अरब के पास 2 लाख 57 हजार मैन पावर है।
किसके पास कितने एयरक्राफ्ट?
भारत के पास 74 एयरक्राफ्ट हैं जिसे विशेष मिशन में इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी ओर बात करें सऊदी अरब की तो देश के पास इसी काम के लिए 16 एयरक्राफ्ट्स मौजूद हैं।
फाइटर एयरक्राफ्ट की संंख्या
भारत के पास 514 फाइटर एयरक्राफ्ट उपस्थित हैं। जबकि सऊदी अरब के पास 283 फाइटर एयरक्राफ्ट मौजूद हैं।
GFP का क्या कहना?
भारत का ग्लोबल फायर इंडेक्स अंक 0.1184 और सऊदी अरब का 0.4201 है। बता दें, ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (जीएफपी) से यह पता चलता है कि 145 देशों के पास कितनी मिलिट्री पावर है। कौन सा देश रैंकिंग में सबसे आगे है। यह रैंकिंग हर साल होती है। साल 2025 में भारत चौथी रैंक पर है। जिसका स्कोर 0.1184 है। वहीं, सऊदी अरब 24वीं रैंक पर है जिसका स्कोर 0.4201 है।
किसके पास परमाणु हथियार?
मालूम हो कि भारत के पास परमाणु हथियार उपलब्ध है। हालांकि सऊदी अरब के पास परमाणु हथियार होने की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
सऊदी अरब से क्या खरीदता है भारत?

भारत से क्या खरीदता है सऊदी अरब?

भारत-सऊदी अरब संबंध
सऊदी अरब भारत का 5वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। दूसरी ओर भारत, सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर) 2023-24 में सऊदी अरब ने भारत से 11.56 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। जबकि भारत ने सऊदी अरब से 31.42 बिलियन डॉलर का सामान लिया।