
Amravati News राज्य सरकार के बजट में फिर एक बार संतरा उत्पादक किसानों के साथ धोखा हो गया है। सरकार के लगातार 8 बार आश्वासन देने के बाद भी संतरा प्रकल्प नहीं खुल पाया है। इतने वर्षों में विदर्भ में एक भी संतरा प्रसंस्करण परियोजना स्थापित नहीं होने से संतरा उत्पादक त्रस्त हैं। संतरा उत्पादक किसानों को 1957, 1963, 1992, 1995, 2014, 2017, 2019, 2021 के बजट में संतरा प्रकल्प की घोषणा करके धोखा दिया गया है। संतरा प्रकल्प की घोषणा इस बार भी छलावा साबित होने से उत्पादकों में चिंता व्याप्त है। राज्य के कुल संतरा उत्पादन के अनुपात में यहां से 80 फीसदी से अधिक संतरे का उत्पादन होता है।
47 हजार हेक्टेयर में रिकॉर्ड मात्रा में अंबिया और मृग बहार : जिले की मोर्शी-वरुड तहसील संतरे के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है । एशिया में सबसे अधिक उगाए जाने वाले मोर्शी वरुड तहसील के नागपुरी संतरे ने एक अलग पहचान बना ली है। मोर्शी-वरुड तहसील में 47 हजार हेक्टेयर में रिकॉर्ड मात्रा में अंबिया और मृग बहार संतरे का उत्पादन होता है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस बार बजट में संतरा प्रकल्प की घोषणा की थी लेकिन बजट के बाद से यहां के संतरा उत्पादकों में चिंता है। सरकार को संतरे की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संतरा निर्जलीकरण परियोजना, अत्याधुनिक संतरा परियोजना और हिवरखेड (ठाना-ठुनी) में जैन फार्म फ्रेश संतरा उन्नयन परियोजना के लिए निधि उपलब्ध कराना चाहिए और 2025 के बजट में पर्याप्त निधि प्रदान करके अत्याधुनिक संतरा परियोजना की घोषणा करने की मांग रूपेश वालके ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की है।