
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले को लेकर माहौल गरमाता जा रहा है। करीब 26 हजार शिक्षकों की नौकरी जाने के बाद वह मंगलवार (22 अप्रैल) को साल्ट लेक में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) मुख्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहै हैं। इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया है कि उनका वेतन सरकार की ओर से दिया जाएगा। साथ ही, सबको नौकरी पर वापस लौटने के लिए भी कहा।
‘आप चिंता मत करिए’
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आपको इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कौन दागी है और कौन नहीं? आपको केवल इस बात की चिंता करने की जरूरत है कि क्या आपके पास नौकरी है या नहीं और क्या आपको समय पर वेतन मिल रहा है या नहीं? दागी और बेदाग शिक्षकों की पहचान करने वाली लिस्ट सरकार और कोर्ट दोनों के ही पास मौजूद है।
‘आपकी नौकरी सेफ है’
सीएम ने मिदनापुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि आपकी नौकरी अभी सुरक्षित है। आपको वेतन मिलेगा। उन्होंने शिक्षकों ने आग्रह किया कि वह स्कूलों में वापस जाएं और क्लास फिर से शुरू करें। हम आपके साथ हैं।
25 से ज्यादा शिक्षकों ने गंवाई नौकरी
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 हजार से भी ज्यादा शिक्षकों ने अपनी नौकरी गंवा दी थी। हालांकि अब कोर्ट ने इस आदेश में गुरुवार (17 अप्रैल) को थोड़ी नरमी बरती। बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े इसको ध्यान में रखते हुए अदालत ने 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों को कुछ दिनों के लिए अपने-अपने पद पर बने रहने की इजाजत दे दी है। इसी के साथ राज्य सरकार को सख्त आदेश देते हुए कहा कि उन्हें 21 मई तक नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। ममता बनर्जी सरकार को यह प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी करनी पड़ेगी। यह आदेश चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की बेंच ने यह आदेश दिया। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने यह साफ किया है कि ग्रुप-C और ग्रुप-D कर्मचारियों को इस राहत का कोई लाभ नहीं मिलेगा।