
Mumbai News. महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारें पिछले कई वर्षों से कड़े कदम उठा रही हैं, लेकिन बावजूद इसके हर साल बढ़ रही हजारों दुर्घटनाओं पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। राज्य के परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर साल राज्य में सड़क सुरक्षा के मापदंड लागू करने के बाद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। यहां तक कि इन दुर्घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं में राज्य में पिछले तीन साल में 45 हजार 925 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसे में बढ़ती दुर्घटनाओं ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। हालांकि राज्य सरकार ने राज्य में बढ़ रही दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
हर साल बढ़ रहे हैं सड़क हादसे और मरने वालों की संख्या
राज्य के परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए पिछले 3 साल के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में 33 हजार 383 दुर्घटनाओं के मामले सामने आए, जिसमें 15 हजार 224 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं साल 2023 में दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़कर 35 हजार 243 पर पहुंच गया, जबकि इससे 15 हजार 366 लोगों की मौत हुई। पिछले वर्ष यानी साल 2024 में 36 हजार 84 दुर्घटनाएं दर्ज हुई, जिसमें 15 हजार 335 लोगों ने अपनी जान गंवाई। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि देश भर में दुर्घटना में मारे गए लोगों में से अकेले महाराष्ट्र में 9 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस हाईवे पर दुर्घटना रोकने के लिए राज्य सरकार ने एआई का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करना शुरू कर दिया है। जिसके तहत तेज गति से एवं शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने को भी कहा गया है।
मुंबई, महाराष्ट्र समाचार, Mumbai News, Thane News, Maharashtra News,सरनाईक ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस द्वारा नियमित रूप से वाहन चालकों की शराब पीने की जांच की जा रही है। इसके अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाहनों की गति पर नियंत्रण रखने के लिए परिवहन विभाग के माध्यम से लोगों को जानकारी देने की योजनाएं भी कार्यान्वित की जा रही हैं। परिवहन विभाग की स्पेशल ड्राइव के दौरान यह बात भी सामने आई है कि गाड़ी चलाने वाले लाइसेंस धारी बड़े पैमाने पर अयोग्य घोषित हुए हैं। जिसकी वजह से दुर्घटनाओं के मामलों में वृद्धि हुई है। सरकार अब स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण शुरू कर चुकी है, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस की सटीकता सुनिश्चित की जा रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े
साल 2022 साल 2023 साल 2024
दुर्घटना 33,383 35,243 36,084
दुर्घटना में मौत 15,224 15,366 15,335