
Jabalpur News । आरपीएफ को एक फोन के जरिए पवन एक्सप्रेस में बड़ी संख्या में नाबालिग बच्चों की तस्करी की खबर मिली। जैसे ही यह खबर रेलवे कंट्रोल के बाद आरपीएफ तक पहुंची, अमला आनन-फानन में हरकत में आ गया। इन बच्चों की खाेज करने जबलपुर मंडल की आरपीएफ ने सतना से लेकर नरसिंहपुर स्टेशन तक जाल बिछाया। इस दौरान जबलपुर स्टेशन पर आरपीएफ थाना प्रभारी राजीव खरब अपनी टीम के साथ तैनात रहे और जैसे ही पवन एक्सप्रेस स्टेशन पर पहुंची एक-एक करके पूरा स्टाफ हर कोच में चढ़ गया। इस दौरान कोच नंबर एस-वन और एस-टू में काफी नाबालिग बच्चे बैठे मिले। उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि वह सब पढ़ने वाले हैं अौर महाराष्ट्र के मदरसे में जा रहे हैं। पूरी तस्दीक के बाद इन्हें जाने दिया गया।
जानकारी के अनुसार आरपीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गाड़ी संख्या 11062 में बड़ी संख्या में नाबालिग बच्चों को ले जाया जा रहा है, जो मानव तस्करी से संबंधित हो सकते हैं। इस सूचना पर सबसे पहले सतना में जांच की गई मगर यहां कुछ भी नहीं मिला। इसके बाद कटनी से जबलपुर स्टेशन के बीच थाना प्रभारी राजीव खरब और उपनिरीक्षक शिशिर कुमार सहित अन्य स्टाफ की टीम द्वारा जांच की गई। इस जांच में कोच में 26 बच्चे बताए गए कोच और टिकट पर बैठे मिले।
ट्रेन के जबलपुर स्टेशन पहुंचने पर आरपीएफ द्वारा पूछताछ की गई तो पता चला कि यह सभी अक्कलकुआ नंदुरबार महाराष्ट्र स्थित एक मदरसा में पढ़ने जा रहे हैं। आरपीएफ ने मदरसा संचालक के साथ ही बच्चों के परिजनों से भी चर्चा की तो पता चला कि अभी तक मदरसा में छुट्टी थी तो वह अपने घर गए थे बुधवार से मदरसा खुल रहा है इसलिए सभी वहीं जा रहे हैं। इसके बाद भी थाना प्रभारी श्री खरब द्वारा जबलपुर से नरसिंहपुर तक इन सभी बच्चों से अलग-अलग एंगल से पूछताछ की गई और अन्य कोचों की भी जांच की। जब यह स्पष्ट हो गया कि मामला मानव तस्करी का नहीं है तो उन्हें जाने दिया गया।