
डिजिटल डेस्क, भोपाल। महाकुंभ के संगम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। लेकिन, आस्था का सिलसिला अभी थमा नहीं है। देश और विदेश से हर रोज लाखों की संख्या में लोग संगम तट पर पहुंच रहे हैं। वैसे तो 12 वर्षों के इंतजार के बाद आने वाले इस महाकुंभ में स्नान मात्र से ही व्यक्ति को कई तरह के धार्मिक लाभ मिल जाते हैं। लेकिन, इस महा मेले में अमृत या यानि कि शाही स्नान का बड़ा महत्व बताया गया है।
अमृत स्नान में सबसे पहले नागा साधु पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं और फिर अन्य साधु संतों के लिए यह स्नान होता है। इसके बाद ही आम लोग अमृत स्नान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि, अमृत स्नान करने से ना सिर्फ आपका शरीर बल्कि आत्मा भी पवित्र हो जाती है। महाकुंभ में कितने अमृत स्नान बचे हुए हैं और क्या तिथि है? आइए जानते हैं…
महाकुंभ में कुल कितने अमृत स्नान
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मंगलवार को मकर संक्राति के मौके पर था। इसके बाद 29 जनवरी बुधवार को मौनी अमावस्या पर, फिर 03 फरवरी सोमवार को बसंत पंचमी के मौके पर और बीते दिनों 12 फरवरी बुधवार को माघ पूर्णिमा के अवसर पर हुआ। वहीं अगला और अंतिम स्नान 26 फरवरी बुधवार को महाशिवरात्रि को स्नान होगा। इसी के साथ भव्य और दिव्य महाकुंभ का समापन होगा।
महाकुंभ में स्नान के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
– यदि आप महाकुंभ में जाने की योजना बना रहे हैं तो सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना होगा कि, आप साधु संतों के स्नान करने के बाद ही स्नान करें। ऐसा कहा जाता है कि, इससे आपको पवित्र स्नान का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
– आप महाकुंभ में जब पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं तो इसकी संख्या कम से कम 5 हेना चाहिए। कहा जाता है कि, इससे भी आपको महाकुंभ में स्नान का शुभफल प्राप्त होता है।
– महाकुंभ में स्नान के बाद हल्के रंग के कपड़े पहनें। ध्यान रखें आप जो भी कपड़े पहन रहे हैं वे साफ सुथरे हों। स्नान के दौरान गहरे और चमकीले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
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