महागठबंधन में बरकरार या NDA का फिर साथ, VIP चीफ मुकेश सहनी का किसकी तरह है झुकाव?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में इस साल के अंत से पहले विधानसभा चुनाव का आगाज होने वाला है। लेकिन इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इशारों ही इशारों में एनडीए में वीआईपी का नाम लिए बिना एंट्री का दावा किया था। इसके बाद से सूबे में अटकलों का बाजार गरम हो गया है। इसके बाद अब खुद वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि एनडीए में उनकी पार्टी शामिल नहीं होगी। मुकेश सहनी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं कहीं नहीं जा रहा। महागठबंधन में कम्फर्टेबल हूं। 2-4 सीट कम भी मिले तो भी यहीं रहूंगा।

एनडीए में वीआईपी की नो एंट्री

मुकेश सहनी ने कहा कि हमारी पार्टी से डिप्टी सीएम हो, सीएम तेजस्वी यादव हों। हम अति पिछड़ा समाज से आते हैं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि हमें मौका मिलना चाहिए। 60 सीटों पर लड़ना चाहते हैं, ये हमने अपनी पार्टी के लिए टारगेट सेट किया है।

वीआईपी चीफ ने आगे कहा कि बीजेपी क्षेत्रीय दलों को खत्म करना चाहती है। उनका एजेंडा ही यही है। अमित शाह ने कहा था कि सहनी ने पुरानी बातों को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को खरीद लिया गया था। देश में 2014 से जब से बीजेपी आई है वो सब धर्मों और जातियों को साथ लेकर नहीं चलना चाहती।

दिलीप जायसवाल ने दिया था बयान  

मालूम हो कि बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि महागठबंधन में शामिल एक दल उनके साथ गठबंधन के लिए प्रयास कर रहा है। रात में लुका-छुपी खेल रहा है। हालांकि उन्होंने मुकेश सहनी का नाम नहीं लिया था लेकिन जिस तरह से जायसवाल ने यह कहा था कि महागठबंधन में वो दल मजबूत पार्टनर है तो यह समझा जाने लगा कि वे मुकेश सहनी की बात कर रहे हैं। उनके बयान से ही चर्चा शुरू हो गई कि मुकेश सहनी एनडीए में जा सकते हैं। मालूम हो कि सहनी पहले भी एनडीए में शामिल रह चुके हैं। हालांकि वक्त बताएगा कि सहनी या दिलीप जायसवाल के बयान में कितना दम है।