
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा पर सियासत गरमाई हुई है। भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। शनिवार को मीडिया बातचीत के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि बंगाल के अंदर जिस तरीके से लगातार हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं। यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गया है।
ममता के अंदर ममता नहीं
उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक महिला हैं, फिर भी उनके अंदर ममता नाम की चीज नहीं है। उनके अंदर सिर्फ क्रूरता भरी हुई है। बंगाल में जिस तरह की हिंसा हुई है उसने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सदन में वक्फ कानून पूर्ण बहुमत के साथ पारित हो गया तो ममता बनर्जी कैसे कह सकती हैं कि वह इसे राज्य में लागू नहीं होने देंगी। अपने बयानों से वह लोगों को भड़का रही हैं। जिसका उदाहरण हम सबके सामने है कि पश्चिम बंगाल हिंसा की आग में जल रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी आपत्ति जताई है। कोर्ट ने भी कहा कि हिंसा रुकनी चाहिए।
हिंदुओं पर हो रहे लगातार हमले
अश्विनी चौबे ने आगे कहा कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। यहां की घटना ने तो बांग्लादेश में हुई घटनाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। जिस तरह का माहौल बंगाल में है। इसे लेकर यहां पर राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि अगर ऐसी स्थिति चलती रही, तो राष्ट्रपति शासन लगाना ही पड़ेगा। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से अपील की कि कम से कम चुनाव के दो महीने पहले आर्मी को राज्य में तैनात किया जाए, ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके। मिथुन ने यह भी कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद भी सेना की मौजूदगी जरूरी है, क्योंकि अगर मौजूदा सरकार फिर जीतती है, तो एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो सकता है।