
Nagpur News राज्य सरकार ने नागपुर के भोसले राजघराने के संस्थापक राजे रघुजी भोसले की ऐतिहासिक तलवार खरीद ली है, जिसकी लंदन में नीलामी हुई। इसे राज्य सरकार ने 47 लाख 15 हजार रुपए की बोली लगाकर खरीदा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे मराठा साम्राज्य का एक मौलिक और ऐतिहासिक खजाना अब महाराष्ट्र में आएगा। उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहू महाराज के शासनकाल के दौरान रघुजी भोसले मराठा सेना में एक महत्वपूर्ण सेनापति थे। उनकी युद्धनीति और बहादुरी से प्रसन्न होकर छत्रपति शाहू महाराज ने उन्हें ‘सेनासाहिबसुभा’ की उपाधि प्रदान की थी।
काफी समय से कोशिशें जारी थीं : फडणवीस ने कहा कि रघुजी भोसले ने साल 1740 में बंगाल के नवाबों के खिलाफ सैन्य अभियान का नेतृत्व किया, जिससे मराठा साम्राज्य का विस्तार बंगाल और ओडिशा तक हो गया था। उन्होंने दक्षिण भारत में अपना सैन्य और राजनीतिक प्रभुत्व भी स्थापित कर लिया था। हमारे सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार, सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और मेरे ही कार्यालय में काम करने वाले विकास खारगे ने तेजी से काम करते हुए यह कार्य पूरा किया। इस तलवार को एक मध्यस्थ के माध्यम से खरीदा गया है। राज्य सरकार इसके लिए 47 लाख 15 हजार रुपये उपलब्ध कराएगी। यह तलवार मराठा शैली की फिरंग तलवार का उत्कृष्ट नमूना है। साल 1817 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर में भोसले का खजाना लूट लिया था, उसको वापस लाने की जद्दोजहद काफी समय से चल रही थी।
नागरिकों ने की थी वापस लाने की मांग : युद्ध के दौरान ब्रिटिशों ने नागपुर के भोसले राजघराने का खजाना लूटा था। इस लूट में भोसले राजघराने की ऐतिहासिक तलवार भी ब्रिटिश अधिकारी लूटकर ले गए। यह तलवार लंदन में ऐतिहासिक शस्त्रों का जतन करने वाले ‘सोथबी’ ने नीलामी के लिए निकाली थी। एक वेबसाइट पर इसके नीलामी की जानकारी वायरल हुई। चर्चा है कि, उस शाही तलवार पर सोने की नक्काशी की गई है। पारंपरिक चिह्न और उस समय की कलात्मकता है। 1853 से 1864 के बीच तत्कालीन महाराज श्रीमंत राजे मुधोजी महाराज भोसले (दूसरे) उर्फ (अप्पासाहेब महाराज) के नेतृत्व में मराठा विरुद्ध अंग्रेजों (ब्रिटिश) में युद्ध हुआ था। इस दौरान ब्रिटिशों ने नागपुर के भोसले राजघराने का खजाना लूटा था। इसमें अनेक रत्नजड़ित आभूषण, शस्त्र भंडारा लूटा था। इस लूट में तलवार भी लूटकर ले गए थे। बाद में उन्होंने इसे बेच दी या किसी को दी थी। यह तलवार भारत की धरोहर है, इसलिए नागरिकों ने इसे भारत वापस लाने की मांग की थी।
तलवार महाराष्ट्र में वापस आने का गौरव : ऐतिहासिक तलवार महाराष्ट्र में वापस आने का हमें गौरव है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र सरकार को शुभेच्छा और धन्यवाद देते हैं। हमने सरकार से विनती की है। हमारी तरफ से अशोक सिंह ठाकुर के भतीजे अंकुर ठाकुर, इंद्रजीत सावंत ने भी बोली लगाई थी। सरकार ने हमें सकारात्मक प्रतिसाद दिया और उस ऐतिहासिक तलवार को खरीद लिया। नागरिकों ने भी यह मांग उठाई, उसके लिए भी धन्यवाद। -डॉ. राजे मुधोजी भोसले