भोपाल में मैकेनिकल वोटिंग मशीन (MVM) लॉन्च, भारत सरकार ने दिया पेटेंट

Bhaskar Jabalpur
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डिजिटल डेस्क, भोपाल। चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए शुक्रवार को भोपाल में मैकेनिकल वोटिंग मशीन (MVM) लॉन्च की गई। इस मशीन को 75 वर्षीय रामप्रसाद विश्वकर्मा ने तैयार किया है, जिसे भारत सरकार ने पेटेंट भी प्रदान किया है।

बिना बिजली और पूरी तरह मैकेनिकल वोटिंग मशीन

MVM एक बैलट पेपर आधारित वोटिंग मशीन है, जो बिजली या किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर निर्भर नहीं है। यह EVM का विकल्प नहीं, बल्कि बैलट पेपर प्रणाली को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने का समाधान है। इसे उन चुनावों के लिए बेहतर माना जा रहा है, जहां मतदान की विश्वसनीयता और सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है।

कैसे काम करती है MVM?

इस मशीन में मतदाता पारंपरिक बैलट पेपर का उपयोग करते हैं, जिसे गुप्त और सत्यापित तरीके से संग्रहित किया जाता है। मतगणना भी आसान और तेज हो जाती है। खास बात यह है कि इस मशीन को बिजली या इंटरनेट की जरूरत नहीं होती, जिससे यह पूरी तरह से सुरक्षित और छेड़छाड़ मुक्त बनती है।

निर्वाचन आयोग के सामने पेश होगी मशीन

रामप्रसाद विश्वकर्मा इस मशीन को निर्वाचन आयोग के सामने प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि यदि इसे मान्यता मिलती है, तो यह भारत की चुनावी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव ला सकती है।

कैसे आया बनाने का विचार?

2010 में एक अखबार में EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें बताया गया था कि EVM से छेड़छाड़ संभव हो सकती है। इसे पढ़कर रामप्रसाद विश्वकर्मा के मन में एक ऐसी मशीन बनाने का विचार आया, जो पूरी तरह से मैकेनिकल हो और बिना बिजली के भी काम कर सके।

उन्होंने लगभग 6 वर्षों तक इस पर रिसर्च की और 2016 में इस मशीन पर काम शुरू किया। 2019 में अपने बेटे कमलेश विश्वकर्मा की मदद से इसका डिजाइन तैयार किया और 2024 में भारत सरकार से इसका पेटेंट मिला।

MVM को चुनावी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लाने वाली तकनीक माना जा रहा है, जिसे अब बड़े स्तर पर अपनाने की तैयारी हो सकती है।