बांग्लादेश में नहीं रुक रहे हिंदुओं पर हमले, चरमपंथियों ने मंदिरों पर किया हमला, प्रशासन ने मूंदी आंखें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी है। उनके धार्मिक स्थलों पर हमले किए जा रहे हैं। हाल ही में चटगांव में मंदिरों और हिंदुओं पर हुए हमले के बाद हिंदुओं को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। चटगांव में शुक्रवार की नमाज के बाद चरमपंथियों ने कोतवाली पुलिस स्टेशन के पास अल्पसंख्यकों की कई दुकानों को भी निशाना बनाया गया।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट के चरमपंथियों ने राधा गोविंद मंदिर और शांतनेश्वरी मातृ मंदिर को निशाना बनाया। हिंदुओं पर हमले की यह घटना उस समय हुई जब इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एक मार्च निकाला जा रहा था।

धृतराष्ट्र बनी सरकार

जानकारी के मुताबिक जब हिंदुओं पर हमला हो रहा था तब वहां मौजूद पुलिस और सेना के जवान उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया। सब मूकदर्शक बने रहे। बता दें कि जिस जगह पर यह हमला हुआ वह हिंदू बहुल इलाका है। अपने ऊपर और हमला होने के डर से समुदाय के कई लोग इलाका छोड़कर जा चुके हैं। बता दें कि अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और देवी-देवताओं को अपवित्र करने और समुदाय के लोगों को नुकसान पहुंचाने की कई घटनाएं घटित हुई हैं।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बिगड़े हालात

बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़े हमलों के पीछे का सबसे बड़ा कारण साधु चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी है। चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हिंदू समुदाय कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए। इस दौरान उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़पें भी हुईं। जिसके बाद चरमपंथी संगठनों द्वारा इस्कॉन को निशाना भी बनाया गया है और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई। यहां तक कि बांग्लादेश सरकार ने इसे “धार्मिक कट्टरपंथी संगठन” कहा है। हालांकि, कोर्ट ने इस्कॉन संगठन पर बैन लगाने से मना कर दिया।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। मंत्रालय के प्रवक्ता आर. जायसवाल ने कहा कि भारत की ओर से बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर विरोध जताया गया है।

जायसवाल ने कहा कि हमने इस बात पर जोर दिया है कि बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अंतिरम सरकार यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है कि इस मामले को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है।