फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, CM सरमा के निर्देश पर हुई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मेघालय स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (USTM) के चांसलर महबुबुल हक के खिलाफ असम पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। असम पुलिस ने शनिवार को USTM चांसलर को फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में अरेस्ट किया है। बता दें, श्रीभूमि जिला पुलिस और असम पुलिस के स्पेशल फोर्स की एक टीम ने महबुबुल हक को उनके घर से गिरफ्तार किया है। दरअसल, यह पूरा मामला साल 2023 में गुवाहाटी में निजी विश्वविद्यालय से जुड़ा है। तब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हक के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश जारी किए थे।

जंगलों में कटाई से जलभराव की स्थिति

दरअसल, सीएम सरमा ने पहले आरोप लगाया था कि गुवाहाटी के बाहरी क्षेत्र में जोराबाट पहाड़ियों में एक निजी विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों द्वारा बड़े स्तर पर वनों की कटाई की गई थी। इसके चलते शहर में अचानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सीएम सरमा ने दावा किया था कि असम के श्रीभूमि जिले के बंगाली मूल के मुस्लिम महबुबुल हक के स्वामित्व वाली निजी विश्वविद्यालय – विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय गुवाहाटी में बाढ़-जिहाद छेड़ रही है।

सीएम सरमा ने लगाए कई आरोप

सीएम सरमा का आरोप है कि 2008 में विश्वविद्यालय की स्थापना के चलते बीते कुछ सालों में जोराबाट पहाड़ियों में बड़े स्तर पर जंगलों की कटाई हुई थी। इसके चलते पहाड़ियों में से पानी गुवाहाटी पहुंच गया। इस वजह से शहर में जलभराव के हालात पैदा हो गए। इसके अलावा सीएम सरमा ने हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण को शहर में जलभराव के लिए दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था कि निर्माण कार्यों की वजह से जंगलों में कटाई के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। इतना ही नहीं, सीएम सरमा ने कहा था कि असम के छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ना बंद करना चाहिए। इससे निर्माण कार्य अपने आप बंद हो जाएगा।

असम के सीएम के इन आरोपों को USTM ऑथोरिटी ने सिरे से नकारा था। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा था कि यूएसटीएम परिसर क्षेत्र री-भोई जिले के जोराबाट तक बारीदुआ क्षेत्र का एक छोटा सा हिस्सा है, जो बड़े पैमाने पर जीएस रोड के दोनों किनारों पर विकसित हुआ है।