पाकिस्तान भारत के साथ व्यापारिक संबंध ठीक करने पर दे रहा जोर, ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल पर चर्चा तेज, जानिए फिर प्रोजेक्ट का क्यों हो रहा विरोध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान भारत के साथ व्यापारिक संबंध ठीक करने में लगा हुआ है। दोनों देश ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल को लेकर काम कर रहे हैं। इसके जरिए दोनों देश के बीच सॉफ्ट बॉर्डर बनाना और कारोबारी कॉरिडोर स्थापित करना है। अब इस पूरे मामले पर पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के मद्देनजर यह एक चुनौतीपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

आदिल रजा के मुताबिक, ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल में सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और ग्रैंड ट्रंक रोड के जरिए नरम सीमाओं और बढ़े हुए व्यापार का प्रस्ताव है। ऐसे में पाकिस्तान भारत के साथ कारोबार को मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है। जिससे पाकिस्तान को आगे चलकर कमजोर आर्थिक स्थिति का सामना करना होगा।

रजा का कहना है कि अगर पाकिस्तान ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल को बढ़ावा देता है, तो भारतीय कारोबारियों की मजबूत टेक्नोलॉजी और वैश्विक व्यापार नेटवर्क के सामने पाकिस्तानी व्यापार टिक नहीं पाएगा। भारतीय बाजार का आकार बहुत बड़ा है और पाकिस्तानी उद्योगों और कृषि पर इसका उलटा असर पड़ सकता है।

जानें क्यों हो रहा है पाकिस्तान में विरोध 

बता दें कि, पाकिस्तान इन दिनों भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंध ठीक करने में लगा हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान लगातार ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल पर जोर दे रहा है। हालांकि, पाकिस्तान की सरकार अपने ही अवाम से इन मुद्दों पर घिरती जा रही है। इधर, पाकिस्तान पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए पाकिस्तान भारत की ओर से निगाहें जमाए बैठा है। 

इधर, पाकिस्तान का तबका ऐसा है जो ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल के खिलाफ है। उनका मानना है कि अगर यह मॉडल सफल होता है, तो इससे पाकिस्तान को शुरुआत में लाभ हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह भारत पर आर्थिक निर्भरता बढ़ा सकता है, जिससे पाकिस्तान की स्वतंत्र आर्थिक पहचान कमजोर हो सकती है।