धर्मेंद्र प्रधान ने कहा ‘बेईमान’ तो सीएम स्टालिन ने ‘अहंकारी’ बताकर किया पलटवार, लोकसभा में क्यों हुआ हंगामा?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच वार-पलटवार जारी है। सोमवार (10 मार्च) को सीएम स्टालिन ने केंद्रीय मंत्री को ‘अहंकारी’ कहा और जुबान पर नियंत्रण रखने को कहा। इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें ‘बेईमान’ करार दिया था। आपको बता दें कि, केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में तमिलनाडु में पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया स्कीम का मामला उठाते हुए तमिलनाडु सरकार को घेरे में लिया। 

धर्मेंद्र प्रधान पर साधा निशाना

एमके स्टालिन ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने धर्मेंद्र प्रधान पर निशाना साधा। वो (धर्मेंद्र प्रधान) किसी अहंकारी राजा की तरह बात कर रहे थे और ऐसा करके उन्होंने तमिलनाडु के लोगों की बेइज्जती की है उन्हें बतौर केंद्रीय मंत्री अनुशासित व्यवहार करना चाहिए। वो खुद को राजा समझते है और अहंकारी लोगों की तरह बात करते हैं उन्हें अपनी जुबान पर लगाम लगानी चाहिए। 

‘बच्चों का भविष्य बर्बाद’

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु सरकार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करने के लिए राजी हो गई थी लेकिन अब उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया है जबकि कई गैर बीजेपी शासित राज्य जिनमें कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश भी शामिल हैं उन्होंने ये एमओयू साइन किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु सरकार बेईमान है और बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रही है। यह लोग इसमें भी राजनीति कर रहे हैं।

‘भाषा थोपी नहीं जा रही’

कंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार ने तमिलनाडु सरकार के साथ चर्चा की थी। इसमें समझौते का रास्ता भी निकाला गया। अगर तमिलनाडु सरकार उस रास्ते पर सहमत होती है, तो हमें उन्हें पीएम श्री आवंटन देने में कोई आपत्ति नहीं है। तमिलनाडु में पीएम श्री स्कूलों में केवल तमिल भाषा ही शिक्षा का माध्यम होगी। आपका (तमिलनाडु सरकार) विरोध क्या है? मुझे यह समझ में नहीं आता। पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र सभी पीएम श्री और एनईपी को लागू कर रहे हैं। कोई किसी पर कोई भाषा नहीं थोप रहा है। वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।