चंद्रपुर में एसआईटी के सामने पहले ही दिन एक दर्जन से अधिक शिकायतें

Chandrapur News वर्ष 2021 में चंद्रपुर से शराबबंदी हटने के बाद जिले में नवीनीकृत और कार्यान्वित आबकारी लाइसेंस, नए स्वीकृत आबकारी लाइसेंस, अन्य जिलों से नए स्वीकृत / स्थानांतरित लाइसेंस संबंध में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, अनियमितता और रिश्वतखोरी के आरोपांे की जांच पड़ताल के लिए गठित एसआईटी की टीम चंद्रपुर में आयी है। भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप दीवान की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) चंद्रपुर में आते ही पहले दिन विभिन्न 14 लिखित शिकायते आयीं हैं। इसके अलावा एसआईटी की टीम ने आबकारी विभाग से संबंधित फाइल्स और नियमों की जानकारी मांगी है। दिनभर में टीम जांच पड़ताल करती रही।

बता दंे कि, जिले में 1 अप्रैल 2015 को युति सरकार ने चंद्रपुर में शराब बंदी की थी। जबकि 1 अप्रैल 2021 को आघाड़ी सरकार ने शराब बंदी हटा दी थी। नियमों की धज्जियां उड़ाकर आर्थिक साठगांठ कर लाइसेन्स बांटने के आरोप लगाए। इसमें राज्य उत्पादक शुल्क, जिलाधिकारी कार्यालय, शहर की महानगर पालिका व जिलाभर के स्थानिक स्वराज्य संस्था, संबंधित विभाग भी संदेह के घेरे में है। ऐसे में शराब लाइसेंस देने में बड़े पैमाने पर अनियमितता और रिश्वतखोरी मामलों की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप दीवान की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) 7 अप्रैल को चंद्रपुर पहुंचा। पहले रेस्ट हाउस पर टीम निवेदन स्वीकारने के लिए बैठनेवाली थी, किंतु जगह के अभाव में टीम को चंद्रपुर एसीबी कार्यालय में अपना डेरा डालना पड़ा। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक 14 विभिन्न प्रकार की लिखित शिकायतंे टीम के पास आयीं हैं। 8 अप्रैल को भी सुबह 10 से 12 बजे तक नागपुर मार्ग स्थित एसीबी कार्यालय में टीम संबंधित लोगों की लिखित शिकायतंे स्वीकार करके जांच पड़ताल करेगी। एसआईटी प्रमुख संदिप दीवान के नेतृत्व वाली टीम में नागपुर एसीबी के पुलिस अधीक्षक डा.दिगंबर प्रधान, अपर पुलिस अधीक्षक संजय पुरंदरे समेत पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिस निरीक्षक व एसीबी कार्यालय के कर्मियों का समावेश है।

श्रेय के लिए मची होड़ : आबकारी विभाग के भ्रष्ट कामकाज की इसके पहले शिकायत कर चुके लोगों में इसलिए श्रेय की हाेड़ मची है कि उनकी शिकायत के बाद एसआईटी गठित हुई है। उल्लेखनीय है कि, एसआईटी प्रमुख संदीप दीवान चंद्रपुर में एसपी पद पर कार्यरत रह चुके हंै। चंद्रपुर से वे अच्छे से परिचित हंै। ऐसे में जांच हेतु उन्हें व्यक्तिगत संबंधों के चलते मदद मिल सकती है जिससे शिकायतकर्ताओं को उनसे कई उम्मीदं लगी हंै। जानकारों के अनुसार इस मामले की सटीकता से जांच हुई तो आबकारी विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है। क्योंकि शराब बंदी के बाद चंद्रपुर जिले में शराब बिक्री के लाइसेन्स में डेढ़ से दो गुना वृद्ध्रि हुई है।