
Chhindwara News: मौैसम में बदलाव का विपरीत असर स्वास्थ्य पर दिखाई दे रहा है। इस मौसम में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप तेज से फैल रहा है। इन्हीं में से एक बीमारी है मम्स। जिसे आम भाषा में गलसुआ कहते है। पैरामिक्सो नामक वायरस की चपेट में आने से गले में सूजन, तेज दर्द, गले में खराश और इंफेक्शन की समस्या होती है। इस बीमारी से सबसे अधिक छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि मम्स वायरस तेजी से संक्रमित करता है। एक-दूसरे के संपर्क में आने से कई संक्रमित बच्चे जिला अस्पताल पहुंच रहे है। कुछ मामलों में बच्चों से माता या पिता भी मम्स से संक्रमित हो रहे है। वायरस से जूझ रहे पेशेंट गले में तकलीफ की वजह से न तो पानी पी पाते है और न ही भोजन कर पाते है। यह समस्या तीन से पांच दिन या एक सप्ताह तक बनी रहती है।
पेट में संक्रमण और डायरिया के मरीज बढ़े-
डॉ.हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि मम्स के अलावा पेट के संक्रमण के मरीजों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बढ़े है। संक्रमण से बचने खानपान में लापरवाही बिल्कुल न बरतें। हमेशा ताजे भोजन का सेवन करें और पानी उबालकर पिएं। डायरिया होने पर लापरवाही न बरतें और चिकित्सकीय इलाज लेकर ही दवाओं का सेवन करें।
मम्स के लक्षण…
– गले में दर्द, सूजन, खराश।
– चबाने और निगलने में तकलीफ।
– तेज बुखार, सर्दी-खांसी।
– सिर और पेटदर्द।
– थकान, कमजोरी।
चिकित्सकीय इलाज जरुरी…
– हमेशा तेज बुखार बने रहने पर।
– भोजन-पानी निगलने में परेशानी।
– गले में सफेद धब्बे दिखाई दें।
– ७ से ९ दिनों तक लक्षण दिखने पर इलाज जरुरी है।
इन बातों का रखें ख्याल…
– गर्म पानी से गरारे करें।
– गर्म तरल पदार्थ, सूप या पानी पिएं।
– पर्याप्त नींद जरुर लें।
– गर्म पानी में नमक मिलाकर गालों की हल्की शिकाई करें।
– बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
– शरीर की साफ-सफाई के साथ हाथ साबुन से धोएं।
– इंफेक्शन होने पर मास्क का इस्तेमाल करें।