
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले साल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इजराइल विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले महमूद खलील को निर्वासित करने का आदेश मिला है। खलील के वकील ने निर्वासन के आदेश को चुनौती देने की बात कही है। खलील पर किसी कानून के उल्लंघन का आरोप नहीं है। यही वजह है कि उनके वकील ने उनकी हिरासत के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है। खलील का वकील अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन में दिए गए प्रावधान के अनुसार हिरासत और निर्वासन के आदेश को चुनौती दे रहे है। साथ ही खलील के विरोध प्रदर्शन का समर्थन भी कर रहे हैं।
आपको बता दें पिछले महीने फेडेरल इमीग्रेशन एजेंट्स ने अमेरिकी नागरिक महमूद खलील को हिरासत में लिया था। महमूद खलील को हिरासत के बाद कोलंबिया से हजारों मील दूर लुइसियाना के जेना में स्थित डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। खलील और उसकी गर्भवती अमेरिकी नागरिक है। ट्रंप प्रशासन हमास समर्थक, यहूदी विरोधी विरोध प्रदर्शनों में शामिल गैर अमेरिकी
मिली जानकारी के अनुसार खलील कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल मामलों के स्टूडेंट है। बीते साल जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी में गाजा के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हुए तो खलील ने ही इन विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई की। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए खुलकर अपना चेहरा बताया। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के दौरान एडमिन ब्लॉक पर कब्जा कर लिया था। जिसके चलते भारी हंगामा हुआ था । जिसके चलते वो ट्रंप प्रशासन के निशाने पर आ गए, और पुलिस को एक्शन लेना पड़ा था। खलील पर आतंकियों का समर्थन करने वाला नेता का आरोप लगाया गया। पुलिस ने खलील को 8 मार्च को यूनिवर्सिटी परिसर से ही हिरासत में लिया था