कालीकट हवाई अड्डे का काम समय पर हो सकता है, तो नागपुर का क्यों नहीं?

Nagpur News कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर री-कार्पेटिंग का काम निर्धारित समय से पहले 120 दिनों में पूरा हो सकता है, तो फिर नागपुर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के री-कार्पेटिंग का काम जल्द पूरा क्यों नहीं हो सकता। यह सवाल मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने किया। कोर्ट ने री-कार्पेटिंग में हो रही देरी पर सभी प्रतिवादियों से स्पष्टीकरण दायर करने के आदेश दिए हैं।

दो चरणों में होना था काम : मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी ने सुनवाई की। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर री-कार्पेटिंग का काम पूरा न होने से हवाई यातायात प्रभावित हुई है। इस मुद्दे पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए सू मोटो जनहित याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार एयरपोर्ट के 3200 मीटर रनवे की री-कार्पेटिंग की जाने वाली है। इसकी अनुमानित लागत 60 करोड़ है। 19 जून 2023 को हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। यह काम 2024 में दो चरणों में किया जाना था। पहले चरण में 15 मार्च से 15 जुलाई और दूसरे चरण में 15 सितंबर से दिसंबर तक काम होना था, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। पिछले मार्च में रनवे को 24 घंटे के लिए बंद किया गया था। अप्रैल में भी काम शुरू करने का प्रयास हुआ, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। फिर बारिश खत्म होने के बाद काम शुरू किया जाने वाला था।

कोर्ट को बताया : मंगलवार को हुई सुनवाई में न्यायालय मित्र एड. कार्तिक शुकुल ने कोर्ट को बताया कि कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 2.86 किमी रनवे पर री-कार्पेटिंग का कार्य निर्धारित समय से काफी पहले 120 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया है। इस संदर्भ में एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एएआई) की रिपोर्ट भी कोर्ट के समक्ष रखी। इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। अब इस मामले में क्रिसमस की छुट्टियों के बाद अगली सुनवाई होगी।

अनुरोध की अर्जी मंजूर : पिछली सुनवाई में न्यायालय मित्र ने याचिका पर उचित आपत्तियां उठाने के लिए जीएमआर कंपनी को प्रतिवादी करने के लिए अनुरोध अर्जी दाखिल की थी। इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने आपत्ति जताई थी। मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने न्यायालय मित्र की अनुरोध अर्जी मंजूर की, साथ ही कोर्ट ने प्रतिवादी जीएमआर को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।