कब रखा जाएगा मासिक शिवरात्रि का व्रत? जानिए तिथि और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है, जो कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास माना गया है। फिलहाल, मार्गशीर्ष माह की शिवरात्रि 26 अप्रैल, शनिवार को पड़ रही है। शिव पुराण के अनुसार, जो भी सच्चे मन से इस व्रत को करता है उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति शिव चतुर्दशी का व्रत पूरे श्रद्धाभाव से करता है उसके माता-पिता के साथ ही स्वयं के सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन कन्याएं भी अच्छे वर के लिए व्रत रखती हैं, जिससे उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस शिव चतुदर्शी तिथि, मुहुर्त और पूजा विधि के बारे में…

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 26 अप्रैल 2025, शनिवार की सुबह 8 बजकर 27 मिनट से

तिथि समापन: 27 अप्रैल 2025, रविवार की सुबह 4 बजकर 49 मिनट तक

पूजा विधि

– मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।

– इसके बाद किसी मंदिर में जाकर शिव परिवार की अराधना करें।

– आप चाहें तो अपने घर में भी शिवलिंग की विधि विधान से पूजा कर सकते हैं।

– भगवान शिव की पूजा में सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें।

– शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से करें।

– अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

– अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाएं।

– पूजा के दौरान गाय के घी का दीपक आज जलाएं।

– पूजा के अंत में शिव जी को भोग के रुप में गांजा, भांग, धतूरा तथा श्री फल (नारियल) समर्पित करें।

– इस दिन उपासक को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए और रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

– अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें।

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