ऐन मौके पर मंडप में पहुंची पुलिस , विवाह बंधन से बचीं बालिका वधुएं

Nagpur News बाल संरक्षण आयोग तथा महिला व बाल कल्याण विभाग की सतर्कता से दो किशोरियां विवाह के बंधन में बंधने से बच गईं। एक की उम्र 15 साल और दूसरी की उम्र 17 साल है। विवाह विधि शुरू होने से पहले ही सरकारी मेहमान पंडाल में जा धमके। दुल्हन की आयु का प्रमाण मांगा और उम्र कम होने की पुष्टि होते ही विवाह रोक दिया। दुल्हन-दूल्हा के माता-पिता को बाल विवाह प्रतिबंधक कानून से अवगत कराया। जब तक दुल्हन की उम्र 18 साल पूरी नहीं हो जाती, तब तक विवाह नहीं रचाने का हलफनामा लिखवा लिया। नियम का पालन नहीं करने पर कानून में प्रावधान के तहत सजा भुगतने के लिए तैयार रहने की ताकीद दी गई।

18 व 21 उम्र निर्धारित : विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल निर्धारित है। उससे कम उम्र में होने वाले विवाह को बाल विवाह माना जाता है। बाल विवाह रचाने पर वर-वधू के माता-पिता, विवाह विधि पूरी कराने वाले धार्मिक संस्था के प्रतिनिधि, विवाह समारोह में सहभागी रिश्तेदार तथा अन्य को जिम्मेदार माना जाता है। उनके िखलाफ बाल विवाह प्रतिबंधक कानून के तहत गुनाह दर्ज किया जाता है। बाल विवाह की पूर्व सूचना मिलने पर उसे रोका जाता है।

दूल्हे का था इंतजार : काटोल तहसील के डोंगरगांव में और कामठी तहसील के कन्हान में दो बाल विवाह होने जा रहे थे। पंडाल डाले गए थे। भोजन तैयार हो रहा था। बैंड-बाजा और बाराती भी पहुंच चुके थे। दुल्हनों को विवाह विधि के लिए तैयार किया गया था। बारात विवाह स्थल के लिए निकल चुकी थी। वधू पक्ष दूल्हे की बारात का इंतजार कर रहे थे। बारातियों के स्वागत की तैयारी पूरी हो गई थी, इसी बीच सरकारी मेहमान पहुंच गए। दुल्हन के उम्र का प्रमाण मांगने लगे।

खदेड़ने का प्रयास : विवाह के ऐन समय पर सरकारी महकमे का पंडाल में दाखिल होना बारातियों को नागवारा गुजरा। हंगामा खड़ा कर उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया गया। विरोध की आशंका को भांपकर सरकारी महकमा पहले ही पुलिस बंदोबस्त के साथ पहुंचा था। पुलिस ने रिश्तेदारों का हंगामा शांत किया। बाल संरक्षण दल ने दूल्हा-दुल्हन के माता-पिता को बाल विवाह करने पर भुगतने पड़ने वाले अंजाम से अवगत किया। आखिरकार विवाह रोक कर उनसे विवाह योग्य उम्र होने के बाद ही विवाह रचाने का हलफनामा लिखवाकर लिया गया। दुल्हनों को बालगृह में भेज दिया गया।

कार्रवाई में सहयोग : जिला महिला व बाल विकास अधिकारी रणजीत कुर्हे के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुस्ताक पठान, जिला बाल रक्षक समन्वयक प्रसेनजीत गायकवाड़, बाल संरक्षण अधिकारी साधना हटवार, मुख्य सेविका सविता नीमजे, चाइल्ड लाइन प्रतिनिधि पूजा कांबले, मीनाक्षी धडाडे, पुलिस उपनिरीक्षक अविनाश मेश्राम, बाल विवाह प्रतिबंधक अधिकारी मुकेश बैस्वार, सरपंच हिमांशू बाविस्कर, आंगनवाड़ी सेविका वनिता काढने, प्रियंका जगताप, मुख्याध्यापक सिंधु बालपांडे आदि का सहभाग रहा।

डेकोरेशन वाले, रसोइए, डीजे संचालक को नोटिस : विवाह स्थल को सजाने के लिए डेकोरेशन, नाच-गाने के लिए डीजे ध्वनि, बारातियों का भोजन तैयार करने के लिए रसोइए की सेवा लिए बिना विवाह समारोह अधूरा रहता है। बाल विवाह रोकने पहुंची टीम ने उस बात पर गौर कर डेकोरेशन मालिक, डीजे संचालक तथा रसोइए को ऑन द स्पॉट नोटिस थमाए। भविष्य में विवाह की ऑर्डर बुक करने से पहले दूल्हा-दुल्हन की आयु का प्रमाण चेक करने व दुल्हन की उम्र 18 और दूल्हे की उम्र 21 पर होगी, तभी ऑर्डर लेने की ताकीद दी। इसमें लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ बाल विवाह प्रतिबंधक कानून के तहत गुनाह दर्ज कर 1 लाख रुपए जुर्माना व 1 साल की सजा भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी।