‘एक देश-एक चुनाव’ पर गरमाई सियासत, जानिए देश में आखिरी बार एक साथ कब हुए थे चुनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। इसके बाद विधेयक पर विस्तृत चर्चा के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जा सकता है।

इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में देश में एक साथ चुनाव कराने की बात कही थी। जहां इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन मिला है, वहीं कई राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं ने इसका कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे लोकतांत्रिक जवाबदेही को नुकसान पहुंचेगा।

पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनी थी समिति

सितंबर में मोदी कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक हाई लेवल कमेटी सिफारिशों को स्वीकृति दी थी। इस रिपोर्ट में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात कही गई थी। 18 हजार पेजों की इस रिपोर्ट (कोविंद रिपोर्ट) में चुनावों को एक साथ कराने के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसकी शुरुआत सबसे पहले लोकसभा और विधानसभा चुनावों से की जानी थी। इसके 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे।

भारत में इस समय हुए थे एक साथ चुनाव

आजादी के तीन साल बाद यानी 1950 में गणतंत्र बनने के बाद, 1951 से 1967 तक हर पांच साल में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ हुआ करते थे। देश में मतदाताओं ने 1952, 1957, 1962 और 1967 में यानी चार चुनावों में लोकसभा और विधानसभा के लिए एक साथ मतदान किया था। इसके बाद कुछ पुराने राज्यों के पुनर्गठन और नए राज्यों के बनने के साथ यह प्रक्रिया 1968-69 में बंद हो गई।

इसके बाद 1983 में चुनाव आयोग ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में दोबारा देश में एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया था। फिर साल 1999 में विधि आयोग की रिपोर्ट में भी एक साथ चुनाव कराने की बात कही गई थी। वर्तमान में विश्व के अन्य देशों पर नजर डालें तो दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों में एक साथ चुनाव होते हैं।