एक तरफ फंड का रोना, दूसरी ओर सरकार को लौटाने पड़ रहे 15 करोड़

Nagpur News जिला परिषद के भी अजब हाल हैं। एक तरफ तो ग्रामीण विकास के लिए वह बजट का रोना रोती है, वहीं दूसरी तरफ उससे सरकार से मिला फंड भी खर्च नहीं होता है। तीन साल में 15 करोड़ की राशि खर्च न कर पाने के कारण उसे यह रकम सरकार को लौटानी पड़ रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम तरह की समस्याएं हैं। लंबे समय से जिला परिषद के विकास कार्य ठप है, वहीं दूसरी ओर जिला परिषद के विविध विभाग 3 साल में 15 करोड़ रुपए की निधि खर्च नहीं कर पाए हैं। अब इस निधि को सरकार वापस मांगी है। निधि सरकार को लौटाने की कार्यवाही आरंभ करने की जानकारी भी सामने आई है।

योजना के लिए मिलती है निधि : जिला परिषद के आय के स्रोत सीमित हैं। विकास कार्य के विस्तार के मुकाबले निधि कम पड़ती है। सरकार जिला वार्षिक योजना के माध्यम से जिला परिषद को निधि आवंटित करती है। जिस योजना पर निधि मंजूर की गई, उसी पर खर्च करना अनिवार्य है। जिला परिषद के विविध विभाग वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में सरकार से मिली निधि पूरी तरह खर्च नहीं कर पाए। सरकार द्वारा उसे खर्च करने के लिए 28 फरवरी 2024 तक अंतिम मोहलत दी गई थी। इसके बावजूद जिला परिषद से पूरी निधि खर्च नहीं हो पाई। खर्च नहीं हो राशि सरकार ने वापस मांगी है।

विकास कार्यों पर रोक : कोरोना संकट के दौरान सरकार की प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा रही। उस दौरान जिला परिषद के सभी विकास कार्य ठप रहे। कोरोना संक्रमण कम होने पर विविध विकास कार्यों की निधि आवंटित की गई। इस बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। सत्ता में आई महायुति की सरकार ने तत्कालीन महा आघाड़ी की सरकार के मंजूर विकास कार्यों पर रोक लगा दी। पहले एक साल तक यह रोक नहीं हटाई गई। हालांकि बाद में रोक हटाने के बाद मंजूर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा तय की गई। दो बार 3 महीने के लिए डेड लाइन बढ़ाई गई। 28 फरवरी 2024 अंतिम डेड लाइन दी गई थी। उसमें भी विविध विभागों की निधि पूरी खर्च नहीं हो पाई। जिला परिषद के विविध विभागों में कुल 15 करोड़ के आसपास निधि खर्च नहीं हो पाने की जानकारी सामने आई है।

विभागवार खर्च नहीं हो पाई निधि (आंकड़े करोड़ में)

विभाग निधि

लोककर्म 6.67

महिला व बाल कल्याण 3.27

स्वास्थ्य 3.45

जल संधारण 0.69

समग्र शिक्षा (लोककर्म) 0.34

पंचायत 0.39

कुल 14.81