
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू पंचांग के 11वें महीने माघ की शुरुआत हो चुकी है और हर साल इस महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ (Sakat Chauth) का व्रत रखा जाता है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए रखती हैं। इसे माघी चतुर्थी, वक्रकुंडी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, तिल चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है। इस वर्ष सकट चौथ 17 जनवरी 2025 यानि कि आज शुक्रवार को है। इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं पूजन का मुहूर्त, विधि और चंद्रोदय का समय…
मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 17 जनवरी 2025, शुक्रवार की सुबह 4 बजकर 06 मिनट पर
चतुर्थी तिथि समाप्त: 18 जनवरी 2025, शनिवार की सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर
चंद्रोदय समय: 17 जनवरी 2025, शुक्रवार की रात 9 बजकर 09 मिनट पर
पूजन विधि
– पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
– चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
– भगवान गणेश को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
– अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
– इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।
– त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
– पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें।
– इसके बाद सभी को लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
– मालूम हो कि इस व्रत या उपवास को चंद्र दर्शन के बाद तोड़ा जाता है।
इस विधि से करें पारण
व्रत रखने वाले व्रती रात में चांद चंद्रमा को दर्शन के बाद अर्घ्य दें। इसके बाद आप अपना व्रत खोल सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि, आप सबसे पहले तिल और गुड़ से बनी चीजों का सेवन करें। इसके बाद आप फलाहारी खा सकती हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।