
डिजिटल डेस्क, कोहिमा। नागालैंड विधानसभा में आम भाषा के अभाव से राज्य में पड़ रहे असर पर चर्चा हुई। विधानसभा सदन में विधायकों ने आज मंगलवार को दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यद्यपि राज्य में 17 जनजातीय बोलियां हैं, लेकिन एक मान्यता प्राप्त आम भाषा का अभाव स्थानीय लोगों की नौकरी की संभावनाओं को प्रभावित कर रहा है।
आपको बता दें सोमवार से नागालैंड विधानसभा में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की राज्य सरकार का बजट सत्र शुरू हुआ। मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग का प्रभार भी है। वह बृहस्पतिवार को 2025-26 का बजट पेश करेंगे और शुक्रवार को सदन में इस पर चर्चा होगी।
सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई पड़ोसी राज्यों में ऐसी व्यवस्था है, जबकि नागालैंड सरकार ने अंग्रेजी और हिंदी को संवाद के लिए एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में अधिसूचित किया है।
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यसूची के अनुसार, सत्र की शुरुआत राज्यपाल ला. गणेशन के अभिभाषण के साथ हुई। राज्यपाल के अभिभाषण पर आज मंगलवार को चर्चा हुई। उसी दिन बाद में 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग पेश करेंगे।