
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने जाते-जाते एक बड़ा फैसला लिया है। उनके इस निर्णय के बाद पूरी दुनिया हैरत में है। दरअसल, जो बाइडन प्रशासन ने यूक्रेन को रूस पर हमले के लिए अमेरिका में बने हुए लंबी दूरी के मिसाइल एटीएसीएमएस को चलाने की अनुमति दे दी है। जो बाइडन के इस फैसले से रूस काफी भड़क गया है। रूस का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह कदम दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर ले जा सकता है।
कार्यकाल खत्म होने से पहले दी मंजूरी
आपको बता दें, निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन का कार्यकाल बस खत्म ही होने वाला है। उससे ठीक दो महीने पहले उनके इस फैसले से पूरी दुनिया चौंक गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते कई दिनों से यूक्रेन इन हथियारों को इस्तेमाल करने की इजाजत मांग रहा था। लेकिन वॉशिंगटन की ओर से अनुमति न मिल पाने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहा था। लेकिन अब अचानक अमेरिका ने यूक्रेन को इसे चलाने की इजाजत दे दी।
रूस ने की निंदा
यूक्रेन को मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने पर रूस ने अमेरिका की कड़े शब्दों में निंदा की है। रूस की संसद के ऊपरी सदन के वरिष्ठ सदस्य आंद्रेई क्लिशस ने कहा, “पश्चिम ने तनाव को इस स्तर पर बढ़ाने का फैसला किया है कि सुबह तक यूक्रेन पूरा तबाह हो सकता है।”
शांति वार्ता में सौदेबाजी के रूप में भी किया जा सकता है इसका इस्तेमाल- बाइडेन
ऐसा हर बार देखा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन रूस के खिलाफ अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल का विरोध किया है। ऐसे में सभी लोगों के मन में एक ही सवाल है कि इस बार ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने अचानक यूक्रेन को मंजूरी दे दी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का यह फैसला रूस के छोटे इलाकों पर कब्जा करने में यूक्रेन की मदद करेगा। इसके अलावा बाइडन का मानना है कि इसका इस्तेमाल शांति वार्ता में सौदेबाजी के रूप में भी किया जा सकता है।
साल 2023 में अमेरिका ने यूक्रेन को दिए थे ये मिसाइल
जानकारी के लिए बता दें, साल 2022 के फरवरी में यूक्रेन में रूस के किए हमले के बाद से ही कीव अमेरिका से लंबी दूरी के हथियार मांग रहा था। इसके बाद अमेरिका ने 2023 में यूक्रेन को एटीएसीएमएस मिसाइल दिया था, लेकिन उसके प्रयोग पर रोक लगा दिया था। इसके पीछे की वजह थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति को डर था कि इसके जवाब में पुतिन काफी भयंकर कदम उठा सकता है। बाइडन ने कहा था, ‘हम तीसरे विश्व युद्ध से बचने की कोशिश कर रहे हैं।’