
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र जारी है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को लोकतंत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सत्र में घटित हुई कुछ घटनाएं संसदीय लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय साबित रही हैं। महाना ने कहा कि विधायिका का कर्तत्वय कार्यपालिका को नियंत्रित करना होता है। लेकिन, अगर विधायिका खुद ही अनुशासनहीन होगी। तो ऐसे में वह अपने इस कर्तव्य का पालन नहीं कर सकती है।
सदन में विधायकों के आचरण को लेकर बोलें
यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत के दौरान सदन में जनहित मुद्दों पर चर्चा करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीते ढाई सालों में सदन में कोई व्यवधान नहीं हुआ। अगर कुछ दिनों पहले इस तरह का व्यवधान हुआ है, तो यह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सदन में सदस्यों को संसदीय गरिमा और उच्च परंपराओं का पालन करना चाहिए। यह जिम्मेदारी स्वयं सदस्यों की होती है। सतीश महाना ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र जनहित के लिए है। इसे सशक्त बनाए रखने के लिए सभी पार्टियों को मिलकर आगे आना का प्रयास करना चाहिए।
इस दौरान सतीश महाना ने यूपी विधानसभा के बारे में भी अपनी बात रखी। उन्होंने मीडियो को बताया कि विधानसभा की छवि सुधारने और उसे एक आदर्श संस्थान के रूप में स्थापित करने के लिए कई कार्य किए गए हैं। महाना ने कहा कि यूपी विधानसभा अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चित हो रही है।
कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की हुई थी बैठक
बता दें, कुछ दिनों पहले सीपीए (कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन) की बैठक आयोजित की गई थी। इसके बाद विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित करने की योजना तैयार की गई थी। इस दौरान विधायकों को पांच समूहों में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद हर एक समूह के साथ कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। इनमें प्रमुख विषय के नाम हैं , ‘मानदंड मानक और दिशा निर्देश सर्वोत्तम प्रणाली को अपनाकर संसदीय संस्थाओं को सुदृढ़ बनाना, वोट बनाम लाइक : असत्य समाचारों और कृत्रिम मीडिया के युग में लोकतांत्रिक लचीलापन सुदृढ़ करने में संसद की भूमिका, मानदंड मानक और दिशा निर्देश : सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर संसदीय संस्थाओं को सुदृढ़ करना, भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला : लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध 365 दिनों की सक्रियता और संसदीय प्रक्रियाओं और प्रयासों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एआई का उपयोग और चुनौतियां जैसे शामिल हैं।
यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 18वीं विधानसभा के तहत विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम पहले भी आयोजित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगले संवाद कार्यक्रमों में विधायकों को जनहित के कार्यों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया के प्रभाव के बारे में भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पॉजिटिव और नेगिटव खबरें तेजी से फैलती हैं। इसके समाधान के लिए संवाद कार्यक्रमों में चर्चा की जाएगी, ताकि विधायकों को इन चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सके।उन्होंने सभी विधायकों से अपील की कि वे संसदीय गरिमा को बनाए रखें और जनहित के लिए समर्पित होकर कार्य करें।