
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) ने सोमवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर बापू सभागार में कार्यक्रम को आयोजित किया। इस दौरान आरएलजेपी प्रमुख पशुपति पारस ने नीतीश कुमार सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने मौजूदा बिहार सरकार और केंद्र सरकार को दलित विरोधी बताया। इसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि एनडीए से उनकी पार्टी का अब कोई रिश्ता नहीं है, अब दोनों अलग-अलग हैं। पारस ने आज आधिकारिक तौर पर एनडीए से गठबंधन तोड़ने की बात कही है।
एनडीए की केंद्र सरकार और बिहार सरकार दोनों पर पारस ने हमला किया। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचारी और दलित विरोधी सरकार है। पारस ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सदन में अंबेडकर साहब को अपमानित करने का काम किया गया है। इसके बाद कार्यक्रम के दौरान पशुपति पारस ने अपने बड़े भाई स्व. रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की।
उन्होंने कहा- मैं आज एनडीए से गठबंधन तोड़ने के बारे में ही बताने आया था। आज से हमारा एनडीए के साथ कोई गठबंधन नहीं है। हम राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव के दौरान तैयारी करेंगे। साथ ही, हमारे कार्यकर्ता राज्य में घूम-घूमकर संगठन को मजबूत करेंगे। चुनाव के दौरान जो हमें सम्मान देंगा, उसके साथ हम जाएंगे। यह अकेले का फैसला नहीं होगा। हम सभी पार्टी नेताओं के साथ मिलकर तय करेंगे कि किसके साथ जाना चाहिए और किसके साथ नहीं। लेकिन अभी हम सभी सीटों पर तैयारी करेंगे।
‘शराबबंदी के नाम पर दलितों को जेल भेज रहे नीतीश’
पशुपति पारस के बेटे और पूर्व सांसद प्रिंस राज ने कहा- चुनाव के बाद हमारी सरकार बनती है तो गरीब को जेल से छुड़वाने का काम करेंगे। जिन्हें नीतीश सरकार में शराबबंदी के नाम पर जेल भिजवा दिया गया। नीतीश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आप भीम संवाद कर रहे हैं और शराबबंदी के नाम पर दलितों को जेल भेज रहे हैं।
प्रिंस राज ने कहा- दलितों पर जुल्म किया जा रहा है। उनका यह शराबबंदी कानून नहीं दलित विरोधी कानून है। वहीं उन्होंने चिराग पासवान पर हमला करते हुए कहा कि आप दलित के हितैषी बनते हैं, तो अभी जो बिहार के दलितों पर जुल्म हो रहा है। शराबबंदी मामले में दलितों को सिर्फ टारगेट किया जाता है, इस पर आप क्यों नही बोलते हैं।