
Seoni News: शहर की साफ-सफाई व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। प्रयासों के बावजूद सफाई का ढर्रा पटरी पर नहीं आ पा रहा है। नगर पालिका के 271 नियमित, विनियमित व दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। बड़ी संख्या में सफाई कर्मी घर पर रहकर हर माह फोकट तन्ख्वाह पा रहे हैं, वहीं जो काम पर आ रहे वे खानापूर्ति करने पर उतारू हैं।
इनकी मनमानी को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई न किए जाने के कारण शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग रहे हैं। लगभग डेढ़ साल पहले वार्डों से हटाकर दूसरे वार्ड में भेजे गए वार्ड जमादार भी कुछ नहीं कर पाए।
एक सप्ताह पूर्व शहर के 24 में से 4 वार्ड का जिम्मा आउट सोर्स पर रखे गए आधा सैकड़ा सफाई कर्मियों को दिए जाने का असर उक्त वार्ड में जरूर नजर आ रहा है, लेकिन 20 वार्ड की साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर पालिका के जिन 271 नियमित, विनियमित व दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों को दी गई है, वहां पुराने ढर्रे पर ही साफ-सफाई का काम हो रहा है।
इन वार्ड की सफाई में सुधार
नगर पालिका के सीएमओ आरके कुर्वेती ने आदेश जारी कर एक सप्ताह पूर्व साफ-सफाई को लेकर नई व्यवस्था लागू की थी। नगर पालिका द्वारा रखे गए 50 आउटसोर्स सफाई कर्मियों को चार वार्ड गांधी वार्ड, शहीद वार्ड, कबीर वार्ड व अकबर वार्ड की साफ-सफाई का जिम्मा सौंपा गया। शेष 20 वार्ड की जवाबदारी 271 नियमित, विनियमित व दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों को दी गई।
सीएमओ द्वारा उक्त निर्णय नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान, स्वास्थ्य सभापति राजिक अकील व समस्त पार्षदों की सहमति से लेते हुए आदेश जारी किया गया। उक्त चार वार्ड में कार्यरत नियमित, विनियमित व दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को हटाकर अन्य वार्ड में भेजा गया। इस नई व्यवस्था का असर एक सप्ताह में यह हुआ कि गांधी वार्ड, शहीद वार्ड, कबीर वार्ड व अकबर वार्ड की साफ-सफाई बेहतर तरीके से हो रही है, लेकिन शेष बीस वार्ड में हालात जस के तस बने हुए हैं।
घर बैठकर बजा रहे नौकरी
नगर पालिका के नियमित, विनियमित व दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों पर सख्ती से कार्रवाई न किए जाने का परिणाम यह हो रहा कि कई कर्मचारी घर बैठकर नौकरी बजा रहे हैं। जिन वार्ड में ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वहां जाकर साफ-सफाई करना तो दूर ये झांकने तक नहीं जाते। यह सब नगर पालिका प्रशासन व नगर सरकार के जिम्मेदारों को भी पता है, लेकिन कार्रवाई न किए जाने से भर्राशाही जारी है।
हालांकि पूर्व में नगर पालिका प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया भी था, लेकिन उसके बाद हाथ पर हाथ धर लिए गए। पूर्व सीएमओ पूजा बुनकर द्वारा बायोमैट्रिक अटैण्डेंस सिस्टम भी लागू किया गया था, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद बायोमैट्रिक अटैण्डेंस मशीन शोपीस बनकर रह गई है।
इनका कहना है
एक सप्ताह पहले नई व्यवस्था लागू कर शहर के चार वार्ड का जिम्मा आउट सोर्स पर रखे गए आधा सैकड़ा सफाई कर्मियों को दिया गया है। इन वार्ड में सफाई व्यवस्था में सुधार आया है। शेष 20 वार्ड जहां नियमित, विनियमित व दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों को साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है, वहां सुधार के प्रयास जारी हैं।
– राजिक अकील, स्वास्थ्य सभापति