
Shahdol News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 से 31 अक्टूबर के बीच 10 जंगली हाथियों की मौत के बाद अब शेष बचे हाथियों की मॉनीटरिंग के लिए नई कवायद तेज हो गई है। इसी कड़ी में बुधवार को एक हाथी पर सेटेलाइट कॉलर लगाकर उसे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला रेंज के दमना बीट में छोड़ा गया। यह वही हाथी है जिसे शहडोल जिले के जयसिंहनगर रेंज के वनचाचर से 2 मार्च को रेस्क्यू कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ले जाया गया था, वहां आठ माह से यह हाथी बाड़े में रहा।
हाथी की कॉलरिंग के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय, वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता, डब्ल्यूडब्ल्यूूएफ के सांकेत भाले और डॉ. शुभांकर के साथ ही डब्ल्यूसीटी के डॉ. प्रशांत देशमुख और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का स्थानीय अमला मौजूद रहा।
बांधवगढ़ में वन्यप्राणी चिकित्सक का मुकुंदपुर तबादला
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता का महाराजा मार्तंड सिंह जुदेव व्हाईट टाइगर मुकुंदपुर सतना तबादला हो गया है। 19 नवंबर को वन विभाग मंत्रालय से जारी आदेश में मुकुंदपुर के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का वन्यप्राणी चिकित्सक का प्रभार सौंपा गया है।
10 जंगली हाथियों की मौत के बाद इलाज पर उठते रहे हैं सवाल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 जंगली हाथियों की मौत के बाद से वन्यप्राणियों के इलाज के दौरान अपनाए जा रहे पैटर्न पर सवाल उठते रहे हैं। आरोप यह भी है कि 29 अक्टूबर को 4 हाथियों की मौत के बाद वन विभाग के चिकित्सकीय अमले को 6 हाथी गंभीर बीमार हालत में मिले थे तो इनके इलाज के दौरान एक भी हाथी की जान कैसे नहीं बची।