रक्तदान शिविर के दौरान रक्तदाताओं को उपहार देने वालों की खैर नहीं

Mumbai News राजनीतिक, सामाजिक औरधार्मिक संस्थाओं एवं संगठनों द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में रक्तदाताओं को उपहार दिये जाने के मुद्दे को राज्य रक्त संक्रमण परिषद ने गंभीरता से लिया है। परिषद का मानना है कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में रक्तदाता स्वेच्छा से रक्तदान करता है। इसलिए रक्तदान शिविर के दौरान आयोजकों द्वारा रक्तदाताओं को किसी भी प्रकार का उपहार देना अनुचित है। इसे लेकर राज्य रक्त संक्रमण परिषद ने राज्य के सभी ब्लड बैंकों को चेतावनी दी है कि यदि रक्तदान शिविर में आयोजकों या ब्लड बैंक द्वारा रक्तदाताओं को किसी भी प्रकार का उपहार दिया गया तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रक्तदान के लिए लोगों को प्रात्साहित करने के लिएकई बार आयोजक हेलमेट, हेडफोन, घड़ी, ब्लूटूथ आदि उपहार में देते रहते हैं। रक्तदान के बदले उपहार देने का मुद्दा हाल ही में हुई स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की गवर्निंग बॉडी की 51वीं बैठक में उठाया गया था। बैठक में कहा गया कि रक्तदाता स्वेच्छा से रक्तदान कर रहा है। इसलिए उसे इस तरह के उपहारों का लालच देना गलत है। इसे देखते हुए राज्य रक्त संक्रमण परिषद ने अब रक्तदान शिविरों में निःशुल्क चिकित्सा जांच, भोजन कूपन, मनोरंजन पास, स्मृति चिन्ह आदि उपहार देने पर प्रतिबंध लगाया है।

घोषणापत्र पर लिखकर लिया जाएगा : राज्य रक्त संक्रमण परिषद के निदेशक डाॅ. स्वप्निल लाले ने बताया कि ब्लड बैंक द्वारा नया ब्लड बैंक शुरू करने या लाइसेंस के नवीनीकरण के दौरान आवेदन करने पर उन्हें ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ देते समय घोषणा पत्र पर लिखकर लिया जाएगा कि रक्तदाताओं को आयोजकों या संस्था की ओर से कोई उपहार रक्तदान शिविर के दौरान नहीं दिया जाएगा। इसके बाद भी आयोजक या ब्लड बैंक उपहार देते हुए पाए जाते है तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पांच वर्ष तक रखें रक्तदान शिविर का विवरण : राज्य रक्त संक्रमण परिषद ने राज्य के सभी ब्लड बैंकों को निर्देश दिया है कि उनके द्वारा किये जाने वाले रक्तदान शिविरों का ब्योरा पांच साल तक सुरक्षित रखा जाए। इसके साथ ही राज्य रक्त संक्रमण परिषद या खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी जब भी ब्लड बैंकों का निरीक्षण करने के लिए जाएं तो उन्हें यह विवरण उपलब्ध कराना अनिवार्य भी होगा।