
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिनों का समय बाकी है। ऐसे में सभी पार्टियां जीतने के लिए जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में लगी हुई हैं। इस कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने महायुति और भारतीय जनता पार्टी का सहयोग करना शुरू कर दिया है ताकि राज्य में हिंदू वोट बिखरे ना। आरएसएस ने 65 से ज्यादा मित्र संगठनों के साथ मिलकर महाराष्ट्र में ‘सजग रहो’ (‘सतर्क रहो, जागते रहो’) नाम का एक अभियान शुरू कर दिया है। जिसका मुख्य उद्देश्य बीजेपी और महायुति को चुनावी जीत में मदद करना है। साथ ही, हिंदुओं के मतों को एकत्रित करना भी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, संघ के सूत्रों का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य हिंदुओं के बीच जाति को लेकर जो विभाजन है उसे समाप्त करना है।
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कौन-कौन है अभियान का हिस्सा?
जानकारी के मुताबिक, इस अभियान में चाणक्य प्रतिष्ठान, रणरागिनी सेवाभावी संस्था और मातंग साहित्य शामिल हैं। साथ ही, महाराष्ट्र के सभी प्रांतों के कार्यकर्ता भी इस अभियान का हिस्सा हैं।
बैठकों का मुद्दा
भारतीय जनता पार्टी के सीनियर पदाधिकारी ने जानकारी दी कि आरएसएस सहित 65 से ज्यादा सरकारी संगठनों ने कई मीटिंग्स की हैं। इन बैठकों में बोटबैंक की राजनीति से हिंदुओं पर क्या असर पड़ सकता है? रोहिंग्या मुस्लिम्स और बांग्लादेशियों से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाले असर जैसे मुद्दे चर्चा का विषय रहते हैं। आपको बता दें कि, RSS के एक पदाधिकारी का कहना है कि स्वयंसेवकों ने हिंदुओं को यह बताने का कदम उठाया है कि उसे जाति के आधार पर बंटना नहीं चाहिए।