नहीं कम होगी आपके घर की ईएमआई, आरबीआई ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज (09 अक्टूबर 2024, बुधवार) खत्म हो चुकी है। इसी के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के फैसले की घोषणा की। जिसके अनुसार, रेपो रेट को यथावत 6.5 प्रतिशत पर रखा गया है। यह दसवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

बता दें कि, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 07 अक्टूबर से 9 अप्रैल के बीच हुई थी। इस बैठक में वृहद आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद 6 सदस्य की एमपीसी में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है।

आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट को एक बार फिर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। दास ने कहा कि समिति के 6 में से पांच सदस्यों ने रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में वोट दिया। रेपो रेट के यथावत रहने का मतलब है कि आपके लोन की किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। इसके कम होने से आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की किस्त कम होती है। आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार बदलाव पिछले साल फरवरी में किया था। तब इसे 0.25% बढ़ाकर 6.5% किया गया था।

क्या हैं रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट

आरबीआई जिस रेट पर कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे। इससे आपकी जमा पर ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हो जाती है। बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर जिस रेट पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। बैंकों के पास जो अतिरिक्त कैश होता है उसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा दिया जाता है। इस पर बैंकों को ब्याज भी मिलता है।