बदलापुर रेप मामले में विशेष समिति की रिपोर्ट पर अमल के लिए सरकार ने प्रस्तावित जीआर किया पेश

Mumbai News. बदलापुर स्कूल में बच्चियों से दुराचार का मामले में विशेष समिति की रिपोर्ट पर अमल के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट में प्रस्तावित शासनादेश (जीआर) पेश किया। अदालत ने जीआर में विशेष समिति की रिपोर्ट पर पूरी तरह से अमल की जांच के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। समिति ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य करने, कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन, स्कूलों द्वारा सुरक्षित परिवहन की जिम्मेदारी लेने, बच्चों को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श के बारे में सिखाने, साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और प्रमुख स्थानों पर ‘1098’ (बच्चों की हेल्पलाइन) प्रदर्शित करने का सुझाव दिया है। अदालत ने 30 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई रखी है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ के समक्ष स्वत: संज्ञान (सुमोटो) याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने प्रस्तावित जीआर की काफी पेश किया। उन्होंने पीठ को बताया कि सरकार जल्द ही जीआर जारी करेगी। पीठ ने सरकार के प्रस्तावित जीआर को स्वीकार करते हुए एमिकस क्यूरी (न्यायालय मित्र) नियुक्त किया, जो जीआर की जांच कर पीठ को बताएंगी कि विशेष समिति की रिपोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सुझाए गए उपाय का जीआर में पूरी तरह से उल्लेख किया गया है या उसमें कुछ कमियां है। पीठ ने एमिकस क्यूरी को प्रस्तावित जीआर की जांच कर 30 अप्रैल को रिपोर्ट देने के लिए कहा है। पीठ के दिशा-निर्देशों के बाद सरकार शैक्षणिक संस्थानों में बच्चियों की सुरक्षा के लिए जीआर जारी करेगी।

पिछले दिनों अदालत ने समिति की रिपोर्ट पर अमल नहीं करने के लिए सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार को समिति की सुझावों पर अमल के लिए कदम का निर्देश दिया था। दो पूर्व हाई कोर्ट न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली समिति ने अदालत को राज्य के सभी स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा को लेकर सुझाव दिया था, जिस पर अदालत ने सरकार को अमल करने का निर्देश दिया था।