
Chhindwara News: पहलगाम में आतंकी हमले के दौरान पांढुर्ना निवासी मदान परिवार के सात सदस्य घाटी में ही थे। 22 अप्रैल को लगभग 2.30 बजे सभी लोग पहलगाम की बैसरन घाटी से होकर निकले थे। इससे करीब 35 मिनट बाद 2.45 बजे ही आतंकी हमला हुआ। डर के साए में गुुरुवार को परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित अमृतसर पहुंच गए।
शंकर नगर निवासी गुलशन मदान ने बताया कि आतंकी हमले के 35 मिनट पहले ही सभी लोग घाटी से पहलगाम के लिए निकले थे। घाटी से उतरते समय आतिशबाजी जैसी आवाजें आई, लेकिन हमने इस पर ज्यादा गौर नहीं किया। जब हम पहलगाम में अपने होटल तक पहुंचे, तब स्थानीय लोगों ने आतंकी हमला होने की बात बताई। तब समझ में आया कि पटाखों जैसी आवाज आतंकियों द्वारा की जा रही फायरिंग की थी।
घटना के बाद से पहलगाम में सेना तैनात हो गई। मंगलवार की दोपहर से लेकर बुधवार की सुबह तक पूरा परिवार होटल में ही रहा। बुधवार की सुबह करीब 5.30 बजे वाहन से जम्मू के लिए निकले। इस दौरान जगह-जगह सेना के जवानों ने वाहनों की जांच भी की।
वैष्णो देवी से पहलगाम पहुंचा था परिवार
गुलशन मदान ने बताया कि 17 अप्रैल को वे पत्नी, दो बेटियों और दो भांजी व एक भांजे के साथ वैष्णो देवी दर्शन के लिए निकले थे। वैष्णो देवी दर्शन के बाद 22 अप्रैल की सुबह पहलगाम पहुंच गए थे। घाटी में घूमने के बाद खच्चर से सभी लोग नीचे उतर रहे थे। घटना के लगभग 30 मिनट पहले ही सभी हमला स्थल से निकले थे। सभी वहीं खाना खाने की बात कह रहे थे, घाटी उतरने के दौरान वाहन में परेशानी होने के कारण किसी ने भी खाना नहीं खाया और बिना रुके वहां से निकल गए थे और इसके कुछ देर बाद ही वहां आतंकी हमला हुआ।