
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। राजनीति, मनोरंजन , व्यापार और खेल जगत की हस्तियों समेत देश के आम लोग इसकी निंदा कर रहे हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और डीपीएपी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीरी आतंकियों से डरते थे इसलिए उनका विरोध करते थे। लेकिन, आज राज्य में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां पर दहशतगर्दों का विरोध न हो रहा हो। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा पहली दफा हो रहा है जब मस्जिदों से इमाम आतंकियों की निंदा कर रहे हैं।
‘जितनी मुखालफत की जाए वो कम’
मीडिया से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, “सबसे पहले, जो वाकया पहलगाम में हुआ है, उसकी जितनी निंदा की जाए, जितना विरोध किया जाए, जितनी मुखालफत की जाए, वह सब कम है। 1989 से लेकर अब तक, पिछले 35 वर्षों में ऐसे कई घटनाक्रम हुए हैं। जब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, बल्कि महाराष्ट्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री था, तब भी मैं हर उस जगह पहुंचता था जहां 20-25 लोगों की जान चली जाती थी।”
‘शोक मना रहा पूरा कश्मीर’
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन उस समय जनता की ओर से इन घटनाओं की बहुत कम निंदा की जाती थी। इसके कई कारण थे। एक बड़ा कारण यह था कि लोग आतंकवादियों से डरते थे कि यदि हमने उनका विरोध किया, तो कहीं वे हमें मार न दें। कई लोगों में हिम्मत नहीं थी चाहे वे खुश हों या नाखुश लेकिन विभिन्न कारणों से कोई भी सार्वजनिक रूप से आतंकियों की आलोचना नहीं करता था। लेकिन आज के इस हादसे पर पूरा हिंदुस्तान निंदा कर रहा है, पूरा जम्मू-कश्मीर शोक मना रहा है। मैं पहली बार देख रहा हूँ कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ हर गांव, हर शहर, हर कस्बे में आवाज उठ रही है।”
‘पहले आतंकियों के समर्थन की होती थी बातें’
इसके साथ पूर्व सीएम ने ये भी कहा, “पहले कुछ मस्जिदों में आतंकियों के समर्थन की बातें होती थीं, लेकिन आज मेरा दिल बाग-बाग होता है यह देखकर कि कई मस्जिदों के इमाम खुद इस जघन्य कृत्य की निंदा कर रहे हैं और आम लोगों से अपील कर रहे हैं कि आतंकियों का साथ न दें।”