
Nagpur News. बिजली उपभोक्ता गर्मी के कहर आैर अघोषित लोडशेडिंग से परेशान हो रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं, जब शहर या ग्रामीण इलाके में बिजली गुल नहीं हुई हो। बिजली गुल होने पर उपभोक्ता टोल फ्री नंबर लगाता है, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा। वितरण केंद्रों में उपभोक्ताओं की सेवा के लिए मोबाइल है, लेकिन वहां से भी तुरंत राहत नहीं मिल रही है।
इंजीनियर मोबाइल बंद रखते हैं
वितरण केंद्रों के इंजीनियर फोन उठाने से कन्नी काटते हैं। बिजली गुल होेने के दौरान कई चालाक इंजीनियर अपने मोबाइल बंद रखते हैं। शनिवार को नंदनवन, वेंकटेश नगर, नंदनवन झोपड़पट्टी, पवनशक्ति नगर, संघर्ष नगर, वाठोडा, हिवरी नगर, कस्तूरबा नगर एनआईटी क्वार्टर साईंबाबा कालोनी में दिन भर में दो से तीन बार बिजली गुल हुई। बार-बार बिजली गुल होने से लोगों में महावितरण के प्रति जबरदस्त रोष है।
यह तो अघोषित है
कस्तूरबा नगर एनआईटी क्वार्टर साईंबाबा कालोनी में दोपहर 1 बजे से बिजली गुल हुई। बीच-बीच में कुछ समय के लिए बिजली आई और फिर चली गई। दमा के रोगी बुजुर्ग हरीश कलवाणी ने बताया कि, पिछले 4 दिन से लगातार बिजली गुल हो रही है। टोल फ्री नंबर किसी काम का नहीं है। वितरण केंद्र से कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा। शनिवार को दोपहर 1 बजे बिजली गुल हुई आैर रात 7.45 बजे तक कालोनी में अंधेरा छाया रहा। यह अघोषित लोडशेडिंग है। महावितरण को बीमार व बुजुर्ग लोगों पर रहम करना चाहिए।
पवनशक्ति नगर निवासी सत्वशीला वासनिक ने बताया कि, पिछले तीन दिन से हर दिन सुबह 8.30 से सुबह 10 बजे तक बिजली गुल रहती है। इसके अलावा दोपहर व शाम को भी बिजली गुल हो जाती है। वितरण केंद्र के जिम्मेदार फोन उठाते नहीं हैं। बिजली बिल पर जो टोल फ्री नंबर है, उस पर फोन लगाने के बाद कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा। शिकायत किससे करें, यह समझ नहीं रहा है। हर दिन बिजली जाना समझ से परे है।
नंदनवन झोपड़पट्टी निवासी मोनाली बागडे ने बताया कि, सुबह, दोपहर व शाम को कभी भी बिजली गुल हो जाती है। गर्मी में खासकर बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। एक महीना बिल नहीं भरा, तो बिजली काटने वाले महावितरण ने सुचारु बिजली आपूर्ति पर ध्यान देना चाहिए। लगातार बिजली खंडित रहना लोडशेडिंग जैसा ही है।
वितरण केंद्र के इंजीनियर के पास दो मोबाइल होते हैं। एक मोबाइल कंपनी का आैर दूसरा उनका निजी होता है। इंजीनियर कंपनी का नंबर लोगों को देते हैं। बिजली गुल होने पर कंपनी का नंबर बंद कर दिया जाता है। बिजली आपूर्ति पूर्ववत होने पर नंबर फिर शुरू कर दिया जाता है। ये चालाक इंजीनियर अपने निजी नंबर पर वरिष्ठों के संपर्क में रहते हैं।