
Amravati News शिक्षक समिति की अगुवाई में जिले के शशांक आटक समेत 193 शिक्षकों ने सरकार के 15 मार्च 24 के निर्णय के तहत नए शिक्षकों की संच मान्यता के खिलाफ न्याय के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। शिक्षकों का आरोप है कि, सरकार ने नए शिक्षकों की संच मान्यता के मानदंड में मनमर्जी बदलाव किया है। सीटों की संख्या के आधार पर लिए गए इस निर्णय से कोंकण के पांच जिलों पर बुरा असर पड़ेगा और स्नातक शिक्षकों के लगभग 50 प्रतिशत पद अतिरिक्त हो जाएंगे। शिक्षक संघों ने इस निर्णय के खिलाफ जुलाई 24 में शिक्षक मार्च आयोजित किया। मार्च 25 में कलेक्टर कार्यालय के सामने तीव्र विरोध प्रदर्शन हुए, लेकिन सरकार ने अपना अन्यायपूर्ण सरकारी निर्णय नहीं बदला। इसलिए शिक्षक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने विवश हुए हैं।
नए शिक्षकों की संच मान्यता के इस निर्णय का शिक्षकों की आस्थापना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इन 4 आदेशों के परिणामस्वरूप जिले में 800 स्नातक शिक्षक, 160 सहायक शिक्षक और 6 प्रधानाध्यापक अतिरिक्त होने की संभावना है। इससे छात्रों की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जबकि प्रत्येक कक्षा को प्रति सप्ताह 48 घंटे पढ़ाया जाएगा।
पहली कक्षा से लेकर आगे तक प्रत्येक कक्षा में कम से कम 6 से 9 विषय होते हैं। एक शिक्षक और दो-तीन कक्षाएं चलाना संभव नहीं है। सातवीं कक्षा में 9 विषय हैं। प्रत्येक कक्षा के लिए पुस्तकें अलग-अलग हैं। प्रिंसिपल के पास पूरा करने के लिए ऑनलाइन कार्यों की एक बड़ी सूची है। इसी वजह से इस निर्णय का कड़ा विरोध किया जा रहा है। इस निर्णय के लागू होने से जिले में लगभग 1 हजार शिक्षकों की छंटनी हो सकती है।