
Jabalpur News: भारतीय सेना के बेड़े में बेहद कारगर रहे टी-72 टैंकों को नई ताकत मिलने वाली है। दरअसल, रशिया और डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ किए गए एग्रीमेंट के बाद सेना के सभी उम्रदराज टैंकों को अपग्रेड किया जाना है। इससे टैंकों के इंजन की कैपेसिटी 1000 हाॅर्स पाॅवर तक की जाएगी। कुछ और इस तरह के बदलाव किए जाएंगे जिससे सरहद पर टी-72 की रफ्तार और बढ़ सकेगी।
रोसोबोरेन एक्सपोर्ट से 248 मिलियन डॉर्लर का सौदा
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के टी-72 टैंको के नए इंजन के लिए रूस के रोसोबोरेन एक्सपोर्ट के साथ हाल ही में 248 मिलियन डॉर्लर का सौदा किया है। मौजूदा टी-72 के इंजन की क्षमता 478 हॉर्स पावर की है। अपग्रेडेसशन के जरिए नए इंजन से टैंको की ताकत में तकरीबन 28 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। एक्सपर्ट बताते है कि टैंको की ऑफ और ऑन रोड रफ्तार में 5 से 10 किमी प्रति घंटे का इजाफा होगा। इससे सरहदी क्षेत्रों में मूमेंट में आसानी होगी।
हाईटेक प्लांट तैयार
वर्षों से सैन्य वाहनों का निर्माण करती आ रही व्हीकल फैक्ट्री अब हेवी वीकल में भी अपनी महारत दिखाने जा रही है। इसके लिए निर्माणी में हाईटेक प्लांट तैयार किया गया है। प्लांट में टी-72 टैंक की ओवरहॉलिंग की जाएगी। मंगलवार के आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड चेन्नई से भेजा गया पहला टी-72 टैंक व्हीएफजे पहुंचा।
पहले इम्पोर्ट फिर अवाडी में प्राेडक्शन
टी-72 टैंक को सोवियत संघ के जमाने में डिजाइन और निर्मित किया गया। भारत ने इसे 1970 के दशक में आयात किया। बाद में, हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री, अवाडी में इनका निर्माण और उन्नयन शुरू हुआ। वर्कलोड को देखते हुए अवाडी निर्माणी से कुछ काम को वीएफजे शिफ्ट किया जा रहा है। चूंकि वीएफजे कुछ समय पहले से टैंक इंजन की ओवरहॉलिंग में जुड़ी रही है, लिहाजा, अपग्रेडेशन की लिए भी इसे सही माना गया। इसके पहले वाहन निर्माणी सारंग तोप को भी अपग्रेड कर चुकी है।