
Bhandara News ग्रीन वैली चांदपुर के जंगलों में मुक्त संचार करने वाले वन्य जीव अब गांव की ओर आ रहे हंै। परिणामवश नागरिकों का जंगलों में घूमना अब खतरे से खाली नहीं रहा। गांव के मार्ग पर शाम के समय वन्यजीवों का आनाजाना बढ़ गया है। कभी नागरिकों की दखलअंदाजी से वन्यजीवों को परेशानी तो कभी उनके मुक्त संचार से मुरलीवासियों में दहशत बढ़ती जा रही है। जिससे वनविभाग जल्द उपाय करने की मांग नागरिकों की ओर से की जा रही है। ग्रीन वैली चांदपुर के जंगल सटे मुरली, चांदपुर, टेमनी, सोंड्या, सोनेगाव, धनेगांव, चुल्हरडोह गांव में नागरिकों की भीड़ बढ़ गई है।
जंगलों में महुआ संकलन या फिर तेंदूपत्ता संकलन के लिए जाने वाले नागरिकों के लिए मुक्त संचार करना अब खतरा बन गया है। इस परिसर में मुरली गांव है। गांव से गोबरवाही- सिहोरा ऐसा 18 किमी. का मार्ग घने जंगल से होकर गुजरता है। जिससे इस परिसर से गुजरते समय नागरिकों को जान हथेली में रखना पड़ता है। इस मार्ग से दोपहिया एवं चौपहिया वाहनों का आना जाना रहता है। शराब के अड्डों पर चलने वाले वाहनों की हुल्लड़बाजी इस परिसर में शुरू रहती है। साथ ही शराब का वहन करने वाले वाहनों के आवाजों के कारण वन्यजीवों को भी परेशानी होती है। जंगल में बाघ तेंदुआ, रानगवा, हिरण, जंगली सुअर एवं अन्य वन्यजीवों की बढ़ती संख्या उनकी सुरक्षितता को लेकर सवाल खड़ा कर रही है।
मादा तेंदुए का अपने शावकों के साथ बसेरा : जंगल से सिहोरा-गोबरवाही मार्ग रात के समय बंद नहीं किया जाता। जिससे रात को करीब 8 बजे से लेकर बाघ एवं तेंदुए गांव की ओर रूख करते हैं। मुरली गांव परिसर में मादा तेंदुआ अपने शावकों के साथ संचार करती रहती है। आज भी गांव में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ किंतु तेंदुए की दहशत गांव में फैली है।
सोंड्या व बिनाखी में पालतू जानवरों पर हमले : सोमवार को बिनाखी गांव में बाघ ने दहशत मचायी। रात को गांव की दो बकरियों को घायल किया। शोर मचाने के कारण बाघ खेत परिसर में भाग निकला। जंगलों के जलाशयों में अब पानी न के बराबर रहा है। ऐसे में प्यासे जीव गांव की ओर रूख कर रहे हैं। फसलों के लिए गांवों के खेतों में पानी उपलब्ध है। जिससे वन्यजीवों के झुंड जंगलों की ओर आ रहे हैं।