
Nagpur News. इस बार गर्मियों के दिन में रक्त की किल्लत होगी। कोरोनाकाल के बाद स्वास्थ्य शिविरों में कमी आई थी, जिसके चलते रक्तदान पर असर पड़ा था। बीते सालभर से रक्तदान शिविर कार्यक्रम पटरी पर आ चुका है, लेकिन बीते पांच सालों में जरुरतमंद मरीजों की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ चुकी है। इस बार गर्मी के चार महीने में 5000 यूनिट तक रक्त की कमी का अनुमान व्यक्त किया गया है।
गर्मियों में रक्तदान कम
गर्मियों में रक्त की किल्लत का प्रमुख कारण छुटि्टयों के दौरान लोग इधर-उधर घूमने चले जाते हैं। रक्तदाता भी रक्तदान करने से डरते हैं। आयोजनकर्ताओं का भी सीजन होता है। इसलिए वे व्यवसाय पर अधिक ध्यान देते है। ऐसे अनेक कारणों के चलते रक्त संकलन नहीं हो पाता है। रक्तदान शिविरों के आयोजक नरेंद्र सतीजा ने बताया कि पिछले पांच साल में जरुरतमंद मरीजों की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ी है। जिले की चार सरकारी ब्लड बैंकों में 325 शिविरों व स्वेच्छा रक्तदाताओं के माध्यम से सालाना 23500 यूनिट रक्त संकलन होता है, जबकि यहां हर साल 32500 यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती है।
समुपदेशन जरूरी
सरकारी अस्पतालों में आने वाले अधिकतर मरीज गरीब व पिछड़ा वर्ग से होते हैं। उनका रक्तदान से कोई संबंध नहीं होता। जब उन्हें रक्त की आवश्यकता होती है, तब रक्त का महत्व पता चलता है। उन लोगों का समुपदेशन करने के बावजूद अधिकतर लोग रक्तदान के लिए तैयार नहीं होते।
ब्लड बैंक – जरूरत – संकलन – शिविर
मेडिकल – 16000 – 11000 – 110
मेयो – 11000 – 7000 – 90
सुपर – 2000 – 3000 – 65
डागा – 3500 – 2500 – 60
कुल – 32500 – 23500 – 325