
कपिल श्रीवास्तव
Jabalpur News । यह चित्र गोसलपुर सेक्टर के ग्राम कटरा खमरिया के दहरिया घाट का है, जहां बरने नदी पर अवैध रेत खदानें फिर से शुरू हो चुकी हैं। यह वही गांव है जहां बीते साल 5 जून को रेत की अवैध खदान धंसकने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और 5 लोग घायल हो गए थे। मृतकों व घायलों को अब तक न्याय नहीं मिला है। हादसे के प्रभावितों तथा चश्मदीदों के मुताबिक रेत की अवैध खदान का संचालन करने वाले आरोपितों को अब तक सजा नहीं मिल पाई है। यह बात दीगर है कि हादसे के नौ महीने बाद यहां फिर से रेत की अवैध खदानें आबाद हो गई हैं। तीन सौ रुपये रोज की मजदूरी के बदले गांव के लोग फिर अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं। पिछले साल अच्छी बारिश होने के चलते बरने नदी पूरी तरह से सूखी नहीं हैं। जमीन के अंदर भी पानी काफी मात्रा में मौजूद है, लिहाजा यहां जैसे-जैसे खुदाई होती है पानी ऊपर आता जाता है।

दहरिया घाट पर सौ मीटर के दायरे में लगभग छह फीट गहरेे और तकरीबन हजार स्क्वायर फीट के गड्ढे में उतर कर लोग बाल्टी और तसले द्वारा पानी के अंदर से रेत निकाल रहे हैं। सौ मीटर के दायरे में ऐसे करीब 4 गड्ढों से रेत के अवैध खनन का काम चल रहा है। इन अवैध खदानों भूमिगत जल तेजी से बढऩे का खतरा बना रहता है, लिहाजा गड्ढे के अंदर से पानी निकालने के लिए मोटर पंप लगाए गए हैं। इन पंपों में लगे पाइपों के जरिए पानी लगातार बाहर निकालने का क्रम चलता रहता है। जनपद और सिहोरा अनुभाग मुख्यालय में बैठा हर छोटा-बड़ा अफसर फिर से आबाद हो चुकीं रेत की इन अवैध खदानों के बारे में जानता है। पंचायत सचिव किशोरी राय पिछले महीने ही प्रशासन को कटरा खमरिया में चल रहीं अवैध रेत खदानों को लेकर पत्र लिख चुके हैं, बावजूद इसके सब खामोश हैं। जिला खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित और उनका मैदानी अमला भी इस सबसे अनभिज्ञता जताता है।