
Mumbai News. प्रदेश सरकार अगले चार सालों में लगभग 50 हजार साइबर वारियर्स तैयार करेगी। राज्य में शिक्षकों, महिलाओं, युवकों, व्यवसायियों, किसानों और सरपंचों को साइबर वारियर्स बनाया जाएगा। इन वारियर्स को साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के दुरुपयोग को रोकने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। विधान परिषद में राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री आशीष शेलार ने यह जानकारी दी। गुरुवार को सदन में भाजपा सदस्य श्रीकांत भारतीय ने नियम 97 के तहत शिक्षा क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल को लेकर अल्पकालीन चर्चा की। इसके जवाब में शेलार ने कहा कि सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) नीति बनाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। इससे राज्य की पहली एआई नीति अप्रैल में आएगी। लेकिन शिक्षा क्षेत्र में एआई के उपयोग के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी। जिसमें शिक्षा विशेषज्ञ, शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी प्रतिनिधियों का शामिल किया जाएगा। शेलार ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से एआई का इस्तेमाल धोखादायक हो सकता है। शिक्षा क्षेत्र में एआई का केवल पूरक व्यवस्था के रूप में ही किया जा सकता है।
एआई ने बताए पालक मंत्रियों के नाम !
इस दौरान शेलार ने कहा कि मैं सदन में यह बात हल्के-फुल्के अंदाज में कह रहा हूं कि महायुति सरकार के गठन के बाद जब
पालक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर देरी हो रही थी। तब एक दिन मैं राज्य के कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील के साथ बैठा था। पाटील ने मुझसे पूछा कि कैसे समाधान निकलेगा? इसके बाद मैं एआई टूल पर सभी मंत्रियों का नाम और जिले का नाम लिखा। मैंने एआई से पालक मंत्री तय करने के लिए कहा। जिसके बाद एआई ने पालक मंत्रियों के नामों की सूची दिखाई। यह अचंभित करने वाली बात है कि एआई ने जो नाम बताए थे, उनमें से 90 प्रतिशत पालक मंत्री वास्तव में बने हैं। शेलार ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री ने पालक मंत्री एआई के आधार पर नहीं बल्कि अपने विवेक से बनाया है।
5 वर्ष तक के बच्चों का सबसे अधिक पंजीयन करने वाले आधार सेंटर को मिलेगा एक लाख का पुरस्कार
इसके अलावा अगले एक महीने में 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग तक के बच्चों का सबसे अधिक पंजीयन करने वाले राज्य के आधार कार्ड पंजीयन सेंटर को एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री आशीष शेलार ने यह घोषणा की है। उन्होंने कहा कि फिलहाल 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग तक के केवल 39 प्रतिशत बच्चों का आधार कार्ड बना है। राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी की ओर से आधार सेंटर को नया किट प्रदान किया जाएगा। गुरुवार को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में आयोजित कार्यक्रम में शेलार ने किट वितरण करने की योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव पराग जैन- नैनुटिया और मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर मौजूद थे। कार्यक्रम में मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे और पालघर के आधार कार्ड सेंटर चालकों को किट वितरित किया गया। शेलार ने कहा कि राज्य में 12 करोड़ 8 लाख नागरिकों का आधार कार्ड पंजीयन हुआ है। जबकि 5 से 18 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों का शत प्रतिशत पंजीयन हुआ है। लेकिन 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग वाले बच्चों का केवल 39 प्रतिशत आधार कार्ड बना है। इसलिए 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग वाले बच्चों का अगले एक महीने में सबसे अधिक आधार कार्ड का पंजीयन करने वाले सेंटर को एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
प्रदेश में केवल 50 प्रतिशत स्कूलों में लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, विप में स्कूली शिक्षा मंत्री भुसे ने किया खुलासा
प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद राज्य के 1 लाख 8 हजार 182 स्कूलों में से केवल 50 प्रतिशत स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। विधान परिषद में प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी और विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार दूसरे प्रदेशों की योजनाओं का भी अध्ययन करेगी। इससे पहले बदलापुर की घटना के बाद सरकार ने 21 अगस्त 2024 को अगले एक महीने के भीतर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाने वाले निजी प्रबंधन के स्कूलों की मान्यता रद्द करने के बारे में शासनादेश जारी किया था। लेकिन सदन में भुसे ने बताया कि अभी तक केवल 50 प्रतिशत स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लग पाया है। गुरुवार को सदन में भाजपा सदस्य अमित गोरखे ने इस बारे में सवाल पूछा था। जबकि सदन के निर्दलीय सदस्य किरण सरनाईक और भाजपा सदस्य निरंजन डावखरे ने निजी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए सरकार को निधि उपलब्ध कराने की मांग की। इसके जवाब में भुसे ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी लगाने के लिए डीपीडीसी से 5 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन निजी स्कूलों को अपने खर्च पर सीसीटीवी लगाना पड़ेगा। भुसे ने कहा कि राज्य के निजी स्कूलों के प्रबंधन को पुलिस के माध्यम से अपने यहां नियुक्त कर्मियों का चरित्र प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य होगा। भुसे ने कहा कि स्कूलों में 4 कैमरा लगाने के लिए 30 से 40 हजार रुपए, 8 कैमरा के लिए 50 से 60 रुपए और 16 कैमरा लगाने के लिए 80 से 90 हजार रुपए खर्च होते हैं। इसलिए निजी स्कूल इतनी राशि खर्च कर सकते हैं। एक सवाल के सवाल में भुसे ने कहा कि सरकार निजी स्कूलों में सीसीटीवी लगाने के लिए विधायक निधि उपलब्ध कराने के लिए सकारात्मक विचार करेगी।