सूखी पड़ी वैनगंगा नदी, मार्च से ही गहराने लगा जलसंकट

Bhandara News पवनी तहसील के तहत आनेवाले बहुत से गांवों को वैनगंगा नदी तट से जलापूर्ति की जाती है। लेकिन ग्रीष्मकाल के पूर्व ही पवनी तहसील से बहनेवाली वैनगंगा नदी सूखी पड़ी है, जिससे परिसर के गांवों में जलसंकट गहराया है।

ग्राम पंचायत मांगली (चौ.), भोजापुर, गुडेगांव, वलनी, जुनोना, आसगांव, उमरी (चौ.), पौना खुर्द, पौना बुज. शिवनाला इन गांवों में जलसंकट की स्थित निर्माण होने से नागरिकों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। अप्रैल-मई में जलसंकट की समस्या को देखते हुए ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों ने गोसीखुर्द बांध विभाग वाही के कार्यकारी अभियंता को 17 मार्च को ज्ञापन सौंपकर वैनगंगा नदी में पानी छोड़े जाने की मांग की है। इस ज्ञापन की प्रतिलिपियां जनप्रतिनिधियों समेत प्रशासन को भेजी है।

पवनी तहसील में बना गोसीखुर्द बांध के कारण आसपास के पांच जिलों की सिंचाई से लेकर पानी की समस्या खत्म हुई है। किंतु वैनगंगा नदी तट पूरी तरह से सूखा पड़ा है। जिससे नदी तटीय गांवों में अभी से जलसंकट गहराया है। गांव के कुएं पूरी तरह से सूखे पड़े है। मार्च महीने से पानी की किल्लत से परेशान होना पडे़गा तो जलापूर्ति कैसे होगी। इसे लेकर ग्राम पंचायत मांगली (चौ.), भोजापुर, गुडे़गांव, वलनी, जुनोना, आसगाव, उमरी (चौ), पौना खुर्द, पौना बूज. शिवनाला समेत अन्य गांव के ग्राम पंचायत पदाधिकारियों ने गोसीखुर्द बांध विभाग वाही के कार्यकारी अभियंता को तहसील सरपंच संगठन के माध्यम से ज्ञापन सौपा है। ज्ञापन सौपते समय संगठन के तहसील अध्यक्ष एवं मांगली के सरपंच भोजराज वैद्य, उपजिला प्रमुख विजय काटेखाये, गोसे के सरपंच तथा जिला संगठन सलाहकार आशीष माटे, गटसचिव घनशाम उरकुडकर, नीलेश मुंडले, किशोर मेंढे, माधव वैद्य एवं अन्य सरपंच और पदाधिकारी उपस्थित थे।