निस्तार के लिए भी नहीं बचा पानी, कैसे बुझेगी मवेशियों की प्यास

Chhindwara News: तिवड़ाकामथ जलाशय, ब्लॉक मोहखेड़, लाइव स्टोरेज क्षमता १.१७ मिलियन क्यूबिक मीटर, बारिश बाद यानी अक्टूबर में जलाशय १०० फीसदी भरा था। जबकि रबी सीजन अभी पूरी तरह गुजरा भी नहीं कि जलाशय खाली हो गया है। नौबत यह कि निस्तार के लिए भी पानी नहीं बचा है। तिवड़ाकामथ अकेला ऐसा जलाशय नहीं जो पूरी तरह से सूख चुका है, जबकि इसी ब्लॉक के कोड़ामऊ, खुनाझिर जलाशय भी लगभग पूरी तरह से सूख चुके हैं। जिले के अन्य छोटे जलाशयों की भी लगभग यही स्थिति बताई जा रही है। ऐसे में गर्मी के अपने सवाब पर आने की स्थिति में हालात क्या होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

पेयजल आपूर्ति करने वाले जलाशयों में भी तेजी से औंट रहा पानी:

छिंदवाड़ा जिले में मोहखेड़ का कन्हरगांव, सारोठ, जुन्नारदेव का कांगला, अमरवाड़ा का तवा, सकरवाड़ा और हरनभटा, हर्रई का हर्रई जलाशय से पेयजल की आपूर्ति की जाती है। वहीं पांढुर्ना जिले में जुनेवानी जलाशय से नगरीय क्षेत्र को २.६३ एमसीएम पानी ड्रिंकिंग वाटर के तौर पर सप्लाई किया जाता है। इसमें सारोठ से २९ गांव और बाकी सभी जलाशयों से शहरी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई होता है।

सारोठ जलाशय में अब भी नजर आ रहे मोटर पंप:

जल निगम की समूह जलप्रदाय योजना के तहत मोहखेड़ के २९ गांवों को पानी की आपूर्ति करने वाले सारोठ जलाशय का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। जिससे जल निगम और ग्रामीण सभी की चिंता बढ़ गई है। चार दिन पहले ५ विभागों की टीम ने यहां कार्रवाई करते हुए १७ मोटरें जब्त की थी। बावजूद इसके अब भी यहां मोटरें दिखाई पड़ रही हैं। डेम के डूब क्षेत्र से लगे गांव महलपुर, छाबड़ी व अन्य ग्रामों के लोग मोटर लगाकर पानी खींच रहे हैं।

भू-जलस्तर में भी तेजी से गिरावट:

छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले में भू-जल स्तर में भी तेजी से गिरावट दर्ज हो रही है। दोनों जिलों का औसत जल स्तर २७.६५ मीटर तक पहुंच गया है। सबसे ज्यादा गिरावट मोहखेड़ ब्लॉक में आंकी जा रही है। मोहखेड़ में भू-जल स्तर ३० मीटर तक पहुंच गया है। पांढुर्ना में २८, बिछुआ मीटर, अमरवाड़ा २८ मीटर और जुन्नारदेव का भू-जल स्तर गिरकर २९ मीटर तक पहुंच गया है। मार्च अंत तक इसमें और गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसका असर कुओं और हेंडपंपों पर साफ दिखाई देने लगा है। कुएं सूखने की स्थिति में तो हेंडपंप बमुश्किल पानी उगल रहे हैं।