
जबलपुर। भारतीय संस्कृति एवं सनातन परम्परा के अनुरूप ‘‘सब सबको जाने – सब सबको माने‘’ के ध्येय को लेकर सनातन संस्कृति के सभी महापुरुषों के विचार प्रवाह में जुटी संस्था ‘समरसता सेवा संगठन’ सनातनी पर्वों की समरस छटा को बिखेरने का कार्य भी कर रही है। उद्देश्य नई पीढ़ी को भारतीय मनीषा से परिचित कराने के साथ ही भारतीय मूल्यों एवं संस्कृति की याद दिलाना भी है। इसी क्रम में समरसता सेवा संगठन द्वारा इस बार लगातार दूसरे वर्ष रंग पंचमी के शुभ अवसर पर ‘विराट समरसता होली’ की संयोजना की जा रही है।
युग-युगांतर से होली पर्व समता और समरसता का त्योहार रहा है। होली पर आपस की असमता रूपी असुरता का दहन होता है, और एकता के समरस रंग बिखरते हैं। सनातन संस्कृति में समरसता का रंग गहरा करने वाला होली महापर्व इस बार संस्कारधानी के लिए और खास होगा। ‘समरसता सेवा संगठन के संग सस्कारधानी में समरसता की होली’ का आयोजन आगामी 19 मार्च बुधवार को डी.एन.जैन कॉलेज प्रांगण में किया जा रहा है।
इस रंगारंग महोत्सव के पूर्व 2:30 बजे से श्रीराम जानकी मंदिर छोटा फुहारा मिलौनीगंज से पूज्य संतो की अगुआई में भव्य ‘समरंग यात्रा’ भी निकाली जाएगी। इस यात्रा में व्यापक रूप से सर्वजाति समाज की सहभागिता होगी। भाईचारे के इस प्रतीक पर्व होली को लेकर जनमानस की पहली प्रतिक्रिया यही होती है कि सारे ‘गिले-सिकवे भूल कर दोस्तो दुश्मन भी गले मिल जाते हैं’। लेकिन हमारी संस्कृति में कोई दुश्मन नहीं है।
वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देने वाली हमारी संस्कृति सबको साथ लेकर चलने की पक्षधर है। संगठन अपनी स्थापना के उद्देश्यों को साकार करते हुए रंगपंचमी पर समरसता और सद्भाव के रंगों से संस्कारधानी समरंग होगी। रंगपंचमी बुधवार 19 मार्च को छोटा फुहारा स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर से समरंग यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में पूज्य संतो के सानिध्य में सर्व जाति-समाज और सभी वर्गों के प्रबुद्ध और प्रमुख जन शामिल होंगे। यात्रा छोटा फुहारा से मिलौनीगंज चौक, सुभाष टाकीज, कोतवाली, कमानिया, बड़ा फुहारा, लार्डगंज, सुपर बाजार, मालवीय चौक होते हुए डी. एन. जैन. प्रांगण में संपन्न होगी। यात्रा मार्ग पर अनेक मंचों द्वारा यात्रा में शामिल झांकियों का स्वागत किया जाएगा।
डी.एन. जैन प्रांगण में यात्रा समापन अवसर पर विशाल समरसता होली महोत्सव में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह सर्व समाज द्वारा फूलों की होली खेली जाएगी। सभी जाति समाजो के संगठनों से आग्रह है कि, शोभायात्रा मार्ग पर अपने अपने संगठन के मंच लगाकर इस ऐतिहासिक होली महोत्सव में अपनी सहभागिता करें और मंचो पर होली से संबंधित आकर्षक झांकी भी बनाये। संगठन उत्कृष्ट झांकियों को पुरस्कृत भी करेगा।
यात्रा समापन स्थल पर सांस्कृतिक समरसता होली की संयोजना है। आयोजन में परंपरागत राई-फाग की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ फूलों एवं गुलाल के रंग बिखरेंगे।
सभी समाजों की परंपराओं और रीति रिवाजों के दर्शन इस दौरान एक स्थान पर ही हो यह प्रयास किया जा रहा हैं। समापन पर देश की विविध संस्कृतियों के अनुरूप स्वादिष्ट व्यंजनों का जायका भी होगा। समारोह में बच्चों-बड़ों, महिलाओ की बड़ी संख्या में सहभागिता होगी।
समरसता सेवा संगठन आप के माध्यम से समस्त संस्कारधानी वासियो से यह आव्हान करता है कि आईये हम सभी मिल-जुल कर जबलपुर के इस ऐतिहासिक आयोजन की संकल्पना को साकार करते हुए, संस्कारधानी कि गरिमा के अनुरूप पूरी भव्यता से आयोजन को सफल बनाए।