
jabalpur News। जबलपुर से मुंबई एयर कनेक्टिविटी को बंद करने से बाहर का विकास भी अवरुद्ध होगा। जबलपुर चेम्बर के अध्यक्ष प्रेम दुबे ने कहा कि जबलपुर विमान तल से उड़ानों की संख्या बढ़ने की बजाए कम हो रही है। “करोड़ों रुपये लगा के एयरपोर्ट बनाया गया वह एयरपोर्ट न हो कर कुछ दिनों में म्यूजियम बन जायेगा”। जबलपुर की हो रही उपेक्षा विमानों की आवाजाही को लेकर प्रदेश के चार महानगरों में जबलपुर विमानतल की स्थिति सबसे खराब है। यहाँ महानगरों से कनेक्टिविटी नहीं होने से यात्री परेशान हैं। इंदौर विमानतल से लगभग 95 घरेलु उड़ाने हैं। भोपाल राजा भोज एयरपोर्ट से 10 से अधिक उड़ान है। ग्वालियर से भी 35 से ज्यादा विमान उड़ान भरते है जबकि जबलपुर से मात्र कुछ विमान प्रतिदिन उड़ान रह गये है। कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण जबलपुर काफी पिछड़ गया है। जबलपुर से सभी विमानों में यात्रियों की संख्या अच्छी रही है यहां आने जाने वाले विमानों में 70 से 90 प्रतिशत सीटें भरी रहती है।
चेम्बर अध्यक्ष प्रेम दुबे, कमल ग्रोवर, अजय बख्तावर, अजय अग्रवाल, राधे श्याम अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, नरिन्दर सिंह पांधे, बलदीप मैनी, अभिषेक ओसवाल, जितेन्द्र पचौरी, राकेश श्रीवास्तव, वीरेन्द्र केशरवानी, दीपक सेठी, विनीत गोकलानी, जुगल किशोर तिवारी, शशिकांत पांडेय, धनंजय बाजपेयी, उमेश ग्रावकर आदि ने जबलपुर से मुंबई वायुसेवा सुचारु रुप से संचालित करने का आग्रह किया है।