
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के औरंगजेब वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रया दी। उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका इलाज करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर शर्म महसूस करता है, गर्व करने के बजाय औरंगजेब को अपना आदर्श मानता है, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार है? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए। एक तरफ आप महाकुंभ को दोष देते रहते हैं। दूसरी तरफ आप औरंगज़ेब जैसे व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं, जिसने देश के मंदिरों को नष्ट कर दिया। आप अपने उस विधायक को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आपने उसके बयान की निंदा क्यों नहीं की?
सपा पर सीएम योगी ने बोला हमला
सीएम योगी ने कहा कि सपा उसे आदर्श मानती है जो भारत के लोगों को जजिया लगाता था। ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। पता नहीं उसका साथ देने की क्या मजबूरी है। ऐसे लोगों को उत्तर प्रदेश भेजना चाहिए, यहां ढंग से इलाज होता है।
सीएम योगी ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी डॉक्टर लोहिया के सिद्धांतों से दूर चली गई है। इन्होंने अपना आदर्श औरंगजेब को मान लिया है। औरंगजेब के पिता शाहजहां ने लिखा था- खुदा करे ऐसी औलाद किसी को न दे। आप जाइये शाहजहां की जीवनी पढ़ लीजिए। औरंगजेब भारत की आस्था पर प्रहार करने वाला था। वो भारत का इस्लामीकरण करने आया था। कोई भी सभ्य व्यक्ति अपनी औलाद का नाम औरंगजेब नहीं रखता।
जानें पूरा मामला
औरंगजेब से जुड़ा यह विवाद सोमवार (3 मार्च) को शुरू हुआ था जब अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफों के पुल बांधे थे। उन्होंने कहा था कि- औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था। उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना। मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं। औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी। औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया। औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।
अबू आजमी ने मांगी थी माफी
महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष आजमी ने मंगलवार (4 मार्च) को अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।
‘इसे बनाया जा रहा राजनीतिक मुद्दा’
उन्होंने आगे कहा कि इस बात को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है, और इसकी वजह से महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना मैं समझता हूं कि यह महाराष्ट्र की जनता का नुकसान करना है।