गर्मी में जल संकट से निपटने 93 गांवों के 103 कुएं आएंगे काम, बुझाएंगे प्यास

Wardha News. वर्तमान मेंं जिले के छोटे-बड़े प्रकल्पों मेंं अधिक पानी उपलब्ध है, लेकिन मार्च-अप्रैल माह में गर्मी बढ़ने की संभावना है। गर्मी बढ़ जाने पर भूजल स्तर कम होता है। इस कारण सार्वजनिक कुआें, बोर मेंंं पानी की किल्लत महसूस होती है। अनेक जगहों पर टैंकर से जलापूर्ति की जाती है। जिले मेंं नागरिकों को पानी की किल्लत महसूस नहीं होने पर जिला प्रशासन के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने योजना बनाई है। जिले मेंं जल संकट पर मात करने के लिए तीन चरणों की कृति योजना मंजूर की गई है। मार्च माह के लिए 239 गांवों में 449 उपायोजनाएं की जाएगी। इसमेंं 98 गांवों के लिए 103 कुएं अधिग्रहित किए जाएंगे। जहां पानी समस्या निर्माण होने की आशंका है, उन गांवों मेंं आवश्यकतानुसार विविध प्रकार के कार्य किए जाएंगे। जिले में पानी किल्लत दूर करने के लिए 3 चरणों की कृति योजना मंजूर की गई। जिले मेंं 504 गांवों मेंं करीबन 865 उपचारात्मक योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। इस योजना के पहले चरण मेंं अक्टूबर से दिसंबर 2024 दौरान 3 गांवों मेंं 3 उपचारात्मक योजना शामिल की गई है। दूसरे चरण मेंं जनवरी से मार्च 2025 दौरान 239 गांवों मेंं 449 उपचारात्मक योजना रखी गई है। तीसरे चरण मेंं अप्रैल से जून 2025 दौरान 260 गांवों मेंं 413 उपचारात्मक योजना का पंजीकृत किया गया। यह सभी कार्य अवश्यकतानुसार किए जाएंगे। इस उपचारात्मक योजना मेंं 102 गांवों हेतु 141 सार्वजिनक कुएं की खुदाई, 185 गांव हेतु 194 निजी कुएं अधिग्रहित किए जाएंगे। 263 गांवों में नल योजना के 274 मरम्मत कार्य किए जाएंगे। 173 गांवों में 239 नए बोरवेल का निर्माण होगा। दूसरे चरण मेंं अंदाजन व्यय 10 करोड़ 35 लाख 41 हजार का है। दूसरे व तीसरे चरण का व्यय 9 करोड़ 36 लाख 5 हजार रुपए होने की बात कही जा रही है।

योजना पर किया जाएगा अमल

धीरज परांडे, कार्यकारी अभियंता, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जि.प के मुताबिक मार्च माह मेंं किसी भी गांव मेंं टैंकर से जलापूर्ति करने की आवश्यकता नहीं है। गर्मी के मौसम मेंं पानी समस्या के समाधान हेतु योजना के विविध उपचारात्मक योजना पर जलापूर्ति विभाग अमल करेगा। जिन गांवों मेंं पानी समस्या निर्माण होने की आशंका है वहां कृति योजना मेंं उल्लेखित उपचारात्मक योजना पर कार्य किए जाएंगे।